पटना: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके समाज सुधार अभियान पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, " समाज सुधार अभियान पर मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी. लेकिन मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार को सुधारने की अधिक है. नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार बिहार सबसे फिसड्डी राज्य है. इसे कौन सुधारेगा. समाज तो सुधरा हुआ ही है. मुख्यमंत्री को ऐसी कौन सी बात बुरी लग रही है, जिसे वे सुधारना चाहते हैं."
कार्यक्रम केवल नौटंकी और दिखावा
उन्होंने कहा, " जनता को तो ये लगता है कि सरकार फिसड्डी है, उसे कौन सुधारेगा. मुख्यमंत्री ने शराबबंदी पर समीक्षा बैठक की उसका क्या हुआ. उनके मंत्री अपराध में संलिप्त हैं, वो किस समाज सुधार की बात कर रहे हैं. मुख्यमंत्री पहले अपनी सरकार और अपने मंत्रियों को सुधारें. थाने में बिना घूस के एक काम नहीं होता, उसे कौन सुधारेगा. व्यवस्था अगर सुधर जाए, तो सब ठीक है. किसी को कोई आपत्ति नहीं है. ये कार्यक्रम केवल नौटंकी और दिखावा है."
तेजस्वी ने कहा, " मुख्यमंत्री जनता के बीच जाते हैं, लेकिन उनसे दूरी बनाकर रखते हैं, कर्फ्यू जैसा माहौल रहता है. जनता दरबार में भी बड़ा लंबा प्रोसेस है. खाली भ्रष्ट अधिकारी और मंत्री को वे अपने पास रखते हैं. जनता से अधिक पुलिस रहती है, उनकी यात्रा की यही सच्चाई है. समाज को तो ये लगता है कि सरकार सुधरे."
मांझी के बयान पर कसा तंज
शराबबंदी पर हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी के बयानों को लेकर भी उन्होंने मुख्यमंत्री को घेरा है. उन्होंने कहा कि जनता को समझाने से पहले ये दोनों आपस में एक दूसरे को समझा लें. तब तो बात बनेगी. तेजस्वी ने सीएम से कहा, " अपने सहयोगी पहले समझाइए फिर समाज सुधारियेगा." उन्होंने कहा कि वैसे भी ये मुख्यमंत्री चोर दरवाजे से आए हैं. जनता उन्हें पसंद नहीं करती. उन्होंने कुछ नया नहीं किया. वहीं, मुख्यमंत्री के विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर कहा कि 16 साल से वे मुख्यमंत्री हैं, वो जवाब दें कि राज्य पिछड़ा क्यों है. और वो मदद क्यों मांग रहे हैं. वो तो सरकार में हैं. केंद्र में पार्टनर हैं. 39 एमपी होने के बाद ये स्थिति है, तो बड़ी दुख की बात है.
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