पटना: बिहार में एनडीए की सरकार तो बन गई और 12 फरवरी को बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट भी होना है. इसका मतलब है कि नीतीश सरकार (Nitish Government) को विधानसभा में बहुमत साबित करना है. वहीं तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने पहले ही एलान कर दिया है कि अभी तो खेल होना बाकी है. अब ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि 12 फरवरी को क्या हो सकता है? तेजस्वी यादव क्या खेल कर सकते हैं? नीतीश कुमार (Nitish Kumar) विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर पाए तो क्या होगा? क्या आरजेडी की सरकार बन जाएगी? पढ़िए रिपोर्ट.
28 जनवरी 2024 को नीतीश कुमार ने 128 विधायकों का समर्थन पत्र देकर नौवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. 78 विधायक बीजेपी के हैं तो 45 विधायक जेडीयू के हैं. एक निर्दलीय विधायक है और जीतन राम मांझी की पार्टी 'हम' के चार विधायक भी शामिल हैं. बहुमत का आंकड़ा 122 है. मतलब नीतीश सरकार के पास बहुमत से छह विधायक ज्यादा हैं. हालांकि बिहार में आरजेडी की ओर से जिस तरह के दावे किए जा रहे हैं कि कई विधायक उन लोगों के संपर्क में हैं और जेडीयू के कई विधायक गायब हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अगर 10 से 12 विधायक विधानसभा में बहुमत साबित करने के दौरान नहीं पहुंचते हैं तो नीतीश कुमार के लिए परेशानी बढ़ सकती है.
क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार?
राजनीतिक जानकार और वरिष्ठ पत्रकार अरुण कुमार पांडेय ने कहा कि अभी सभी पार्टियों में यह चर्चा जोड़ों पर है कि खेला होगा, लेकिन यह सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी है. उन्होंने कहा कि 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट के पहले राज्यपाल का अभिभाषण होगा. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष पर अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा. अगर वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के पक्ष में मतदान होते हैं तो निश्चित रूप से यह क्लियर हो जाएगा कि नीतीश सरकार को बहुमत नहीं है.
क्या आरजेडी की सरकार बन जाएगी?
अरुण पांडेय ने कहा कि लेकिन यह होने वाला नहीं है. अगर ऐसी बातें सामने आएंगी तो उस दिन नीतीश कुमार विधानसभा में ही नहीं आएंगे क्योंकि उन्हें यह सब पहले से पता होगा. अगर नीतीश कुमार 12 फरवरी को विधानसभा में आते हैं तो सारे कयासों पर विराम लग जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर एनडीए के कुछ विधायक नहीं पहुंचते हैं तो सरकार गिर जाएगी, लेकिन आरजेडी की सरकार बन जाएगी यह भी संभव नहीं है. यह बात सही है कि अगर नीतीश कुमार बहुमत साबित नहीं करते हैं तो उनकी सरकार गिर जाएगी.
कहा कि आरजेडी बड़ी पार्टी है तो उसी वक्त राज्यपाल को सरकार बनाने के लिए दावा पेश किया जा सकता है. उसके लिए उन्हें राज्यपाल की ओर से कुछ दिनों के लिए समय भी दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इसके बाद भी आरजेडी की सरकार बन जाए यह संभव नहीं दिख रहा है क्योंकि आरजेडी, कांग्रेस और वामदल मिलाकर कुछ कल 115 विधायक हैं. अगर जीतन राम मांझी समर्थन भी देते हैं तो 119 विधायक होंगे.
जेडीयू और बीजेपी से कुछ विधायक टूट गए तो?
आग गणित समझाते हुए अरुण पांडेय ने कहा कि अगर जेडीयू या बीजेपी का कोई विधायक फ्लोर टेस्ट में नहीं आता है और सरकार को समर्थन नहीं करता है तो वह पार्टी छोड़कर आरजेडी में भी शामिल नहीं हो सकता है. क्योंकि दल-बदल कानून के अनुसार एक तिहाई विधायक को छोड़ना पड़ेगा जो संभव नहीं दिख रहा है. अगर चार-पांच या 10 विधायक छोड़ते भी हैं तो उनकी सदस्यता चली जाएगी. ऐसे में वह आरजेडी को भी समर्थन नहीं कर सकते हैं. लिहाजा बिहार में राष्ट्रपति शासन भी लग सकता है. अंत में उन्होंने कहा कि यह सब होने वाला नहीं है. निश्चित तौर पर नीतीश सरकार 12 फरवरी को विधानसभा में बहुमत साबित कर देगी.
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