Bihar 65 Percent Reservation: बिहार सरकार (Bihar Government) ने पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण की सीमा को 50 से बढ़ाकर 65 फीसद कर दिया था. अब इस फैसले को पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने रद्द कर दिया है. 65 प्रतिशत आरक्षण रद्द किए जाने पर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है.


तेजस्वी यादव ने गुरुवार (20 जून) को हमको पहले से शक था कि बीजेपी के लोग आरक्षण के विरोधी हैं. हम सरकार में थे तो जाति आधारित गणना कराई, आरक्षण बढ़ाया, हमने भारत सरकार से आग्रह किया कि इसे 9वीं अनुसूची में डाल दिया जाए ताकि सुरक्षित रहे. छह महीने पूरे हुए लेकिन केंद्र सरकार ने इसे नहीं डाला. पता नहीं क्यों सीएम नीतीश चुप हैं.


आरक्षण समाप्त करने का प्रयास: तेजस्वी


आगे आरक्षण पर प्रतिक्रिया देते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि इसे समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है. बीजेपी के आते ही आरक्षण को किस तरीके से समाप्त किया जा रहा है यह दिख रहा है. तेजस्वी ने कहा कि सीएम नीतीश चुप हैं, लेकिन मैं अनुरोध करूंगा कि उन्होंने कई बार पीएम के पैर पड़े हैं एक बार और पैर पकड़ लें. आरक्षण को नौवीं अनुसूची में डलवा लें.


तेजस्वी ने कहा, "मेरा प्रस्ताव है कि एक सर्वदलीय कमेटी पीएम मोदी से जाकर मिले और मिलकर 9वीं अनुसूची में डलवाने का काम करे. हम चाहते हैं वंचित समाज को अधिकार मिले. हमने यह लड़ाई लड़ी है और आगे भी लड़ेंगे. अगर बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट नहीं गई तो राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीम कोर्ट जाएगा. 9वीं अनुसूची को लेकर नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखेंगे."


बता दें कि पटना हाई कोर्ट ने गुरुवार (20 जून) को ईबीसी, एससी और एसटी के लिए 65 फीसद आरक्षण को खत्म कर दिया. दायर याचिका पर पटना हाई कोर्ट ने सुनवाई कर फैसला 11 मार्च 2024 को सुरक्षित रख लिया था जिसे गुरुवार (20 जून) को सुनाया गया है.


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