पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर (Education Minister ChandraShekhar) इन दिनों विवादों से घिर गए हैं. रामचरितमानस पर दिए गए बयान के बाद पूरे देश में उनका विरोध हो रहा है. इस बयान को लेकर सीएम नीतीश कुमार से मीडिया ने समाधान यात्रा के दौरान सवाल किया था तो उन्होंने कहा था कि चंद्रशेखर से मुलाकात होने पर पूछ लेंगे. वहीं, शुक्रवार को नीतीश कैबिनेट (Nitish Kumar) की बैठक थी. सूत्रों के अनुसार कैबिनेट बैठक में सीएम नीतीश कुमार और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का आमना-सामना हो गया. इस मुद्दे को लेकर चंद्रशेखर (ChandraShekhar) से सीएम ने बात की. इस पर चंद्रशेखर रामचरितमानस पर दिए गए अपने बयान पर अड़े रहे. इस दौरान डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) भी चंद्रशेखर के बयान के साथ थे.


सीएम ने चंद्रशेखर से पूछा सवाल


सूत्रों के अनुसार कैबिनेट की बैठक में सीएम नीतीश कुमार की नजर जब शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर पड़ी तो उन्होंने कहा कि आप ये सब क्या बोलते रहते हैं? आपको काम पर ध्यान देना चाहिए. नीतीश कुमार की इस बात पर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने सीएम को जवाब देते हुए कहा कि कुछ गलत नहीं बोले हैं. ये बातें पहले भी कई लोग बोल चुके हैं. इसके बाद सीएम ने चंद्रशेखर को इस तरह के बयानों बचने की सलाह दी.


तेजस्वी यादव ने चंद्रशेखर का दिया साथ


मुख्यमंत्री के कैबिनेट हॉल में आने से पहले डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने चंद्रशेखर से कहा कि आजकल आप विलेन बने हुए हैं. इस पर शिक्ष मंत्री ने कहा हमने कुछ गलत नहीं कहा है. वहीं, शिक्षा मंत्री और सीएम नीतीश कुमार की बातचीत के दौरान तेजस्वी यादव शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि रामचरितमानस पर इन्होंने कोई बयानबाजी नहीं की है. आरएसएस के बंच ऑफ थॉट्स और मनुस्मृति पर बयान दिया है. मीडिया ने एक पार्ट को दिखाया, वह तो मनुस्मृति और बंच ऑफ थॉट्स के बारे में था.


दीक्षांत समारोह में दिया था विवादित बयान


बता दें कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर बुधवार को पटना के नालंदा खुला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पहुंचे हुए थे. इस दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि रामचरितमानस, मनुस्मृति, और गोलवलकर की किताब समाज को बांटने वाला और नफरत फैलाने वाला किताब बताया. वहीं, शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस के कई चौपाई का अर्थ बताते हुए रामचरितमानस को समाज को बांटने वाला ग्रंथ बताया था.