CM योगी आदित्यनाथ के बयान पर तेजस्वी का हमला, पूछा- 'पिता जान' कहने वालों का कितना किया विकास?
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि पीएम मोदी के नेतृत्व में तुष्टिकरण की राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है. क्या 2017 से पहले सभी को राशन मिलता था. अब्बा जान कहने वाले ही राशन हजम कर जाते थे.
पटना: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के अब्बा जान वाले बयान पर विवाद जारी है. पॉलिटिकल पार्टी के नेताओं के साथ ही बॉलीवुड के कलाकार भी उनके बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. इसी क्रम में बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने भी सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान पर हमला बोला है. योगी आदित्यनाथ के 'अब्बा जान' वाले बयान को बेहूदा बताते हुए उन्होंने पूछा कि योगी बताएं कि 'पिता जान' कहने वाले कितने लोगों को रोजगार और शिक्षा दी?
धर्म और जाति की राजनीति कर रहे
तेजस्वी ने कहा, " यूपी में चुनाव आ रहे हैं और इन्होंने कोई काम नहीं किया इसलिए धर्म और जाति की राजनीति कर रहे हैं." दरअसल, यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है. ऐसे में राज्य में सियासी गतिविधियां बढ़ गई हैं. राजनीतिनक सभाओं का दौर शुरू हो गया है. इसी क्रम में रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुशीनगर में कार्यक्रम किया था.
कथित योगी जी बताए,
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) September 14, 2021
‘पिता जान’ कहने वाले कितने लोगों को नौकरी, रोजगार, अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था प्रदान की? ये बेरोजगारी,महंगाई व किसान के मुद्दों पर बात क्यों नहीं करते?
चुनाव देख तुष्टिकरण करने व भाषाई आतंक फैलाने के अलावा इनकी कोई योग्यता एवं उपलब्धि है ही नहीं। pic.twitter.com/IQ3VQ7GSwC
तुष्टिकरण की राजनीति के लिए जगह नहीं
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर निशाना साधा था. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि पीएम मोदी के नेतृत्व में तुष्टिकरण की राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है. क्या 2017 से पहले सभी को राशन मिलता था. अब्बा जान कहने वाले ही राशन हजम कर जाते थे. उनके इसी बयान पर बवाल मचा हुआ है.
एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owasi) ने भी उनके इस बयान की निंदा की है. मंगलवार को पटना पहुंचे ओवैसी ने कहा, " ये झूठ पर झूठ बोलते हैं और समझते हैं कि इस तरह से बोल कर वे अपनी गिरती साख को बचा पाएंगे. लेकिन यूपी की जनता देख रही है. जब गंगा में लाशें बह रही थीं, ऑक्सीजन के बिना लोग तड़प-तड़पकर मर रहे थे, तब उनको यह सब क्यों नहीं दिखा?"
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