रूपेश हत्याकांड के खुलासे पर बोले तेजस्वी यादव- पुलिस ने 'बकरा' खोज ही लिया
तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा है कि रूपेश हत्याकांड में मैंने आज से 15 दिन पहले कह दिया था, नीतीश कुमार जी अपने नाक के बाल और आँखों के तारे को बचाने को लिए बकरा खोज रहे है. आज बिहार पुलिस ने बकरा खोज ही लिया.
पटना: बिहार के चर्चित रूपेश हत्याकांड का पुलिस ने उद्भेदन कर लिया है. पटना पुलिस ने मामले की जांच के बाद ये बताया कि रूपेश सिंह की हत्या रोड रेज की घटना में की गई थी. हालांकि, हत्या की इतनी मामूली वजह विपक्ष को पच नहीं रहा है और वो लगातार पुलिस जांच पर सवाल उठा रहा है. इसी क्रम में सूबे के नेता प्रतिपक्ष ने भी पुलिस और सूबे के मुखिया नीतीश कुमार पर निशाना साधा है.
तेजस्वी ने ट्वीट कर कही ये बात
तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा है कि रूपेश हत्याकांड में मैंने आज से 15 दिन पहले कह दिया था, नीतीश कुमार जी अपने नाक के बाल और आँखों के तारे को बचाने को लिए बकरा खोज रहे है. आज बिहार पुलिस ने बकरा खोज ही लिया. यक़ीन मानिए ऐसी कहानी सी-ग्रेड की घिसी-पिटी फ़िल्मों में भी नहीं मिलेगी. आपको पुलिस की कहानी ज़रूर सुननी चाहिए.
रूपेश हत्याकांड में मैंने आज से 15 दिन पहले कह दिया था नीतीश कुमार जी अपने नाक के बाल और आँखों के तारे को बचाने को लिए बकरा खोज रहे है। आज बिहार पुलिस ने बकरा खोज ही लिया। यक़ीन मानिए ऐसी कहानी Cग्रेड की घिसी-पिटी फ़िल्मों में भी नहीं मिलेगी।आपको पुलिस की कहानी ज़रूर सुननी चाहिए https://t.co/q1HE5PrhdR
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 3, 2021
रोडरेज में की गई थी हत्या
मालूम हो कि बुधवार को हत्याकांड का खुलासा करते हुए पटना एसएसपी उपेंद्र शर्मा में बताया कि रोडरेज में इंडिगो मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या की गई थी. हत्या में कुल चार अपराधी शामिल हैं. फिलहाल पुलिस ने एक अपराधी को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि तीन अपराधी अब भी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं. अपराधी दो बाइक पर सवार होकर आए थे और रूपेश को छह गोली मारी थी.
बाइक चोर है अपराधी
एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार अपराधी पटना का आदर्श नगर निवासी रितुराज है, जिसके पिता का नौबतपुर में ईंट भट्ठी है. रितुराज बाइक चोर है और महंगी बाइक की चोरी करता है. फिलहाल पुलिस ने रितुराज के पास से चार गोली, 13 जनवरी की चार अलग-अलग अखबार, हत्या को अंजाम देने के वक़्त पहना गया कपड़ा, झोला, चोरी की अपाचे बाइक बरामद की है.
एसएसपी ने बताया कि हत्या के नियत से आए अपराधी जब घटना को अंजाम देने आए थे, तो बाइक का नंबर कुछ और था. लेकिन जब वह घटना को अंजाम देकर भागे तो उनके बाइक का नंबर कुछ और था. वहीं, मामले के खुलासे में हुई देरी पर उन्होंने कहा कि 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरे की जांच करनी पड़ी, 600 जीबी से अधिक डेटा देखना पड़ा, कई सीडीआर की जांच करनी पड़ी, कई लोगों से पूछताछ करना पड़ा इसलिए वक़्त लगा है.