पटनाः बिहार सरकार (Bihar Government) अपने खर्च से प्रदेश में जातीय जनगणना कराएगी. बुधवार को मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में हुई ऑल पार्टी मीटिंग में इस पर प्रस्ताव पारित हो गया. अब जल्द ही कैबिनेट की बैठक बुलाई जाएगी. इसको लेकर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा कि जातिगत जनगणना (Caste Census) को लेकर काफी समय लिया जा रहा था. विधानसभा और विधान परिषद में पारित होने के बावजूद भी इस पर बैठक नहीं की जा रही थी, लेकिन आज हमारी जीत हुई है. लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की जीत हुई है. बिहार के गरीब-गुरबा जनता की जीत हुई है.


तेजस्वी ने कहा कि यह बिहार के लोगों के हित में है. इसका विरोध करना गलत है. इसकी लड़ाई लालू यादव ने लड़ी थी और पार्लियामेंट में उन्होंने आवाज उठाई थी. लालू यादव ने लगातार लड़ाई जारी रखा और यही कारण है कि बिहार विधानसभा में दो बार सर्वसम्मति से फिर यह पारित हुआ. इस जनगणना को केंद्र सरकार कराती तो ज्यादा अच्छा होता, लेकिन राज्य सरकार जब आगे आ रही है तो कम से कम केंद्र सरकार को आर्थिक मदद करनी चाहिए.


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तेजस्वी ने बताया कब होनी चाहिए जातीय जनगणना


बिहार में जातीय जनगणना कब होनी चाहिए इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बैठक में उन्होंने राय दिया है कि दशहरा, दीपावली और छठ के समय बाहर में रहने वाले लोग भी अपने घर चले आते हैं. उस समय जनगणना हो जाए तो ज्यादा बेहतर होगा. उससे पहले तैयारी शुरू कर दी जाए.


इधर, आरजेडी के वरिष्ठ नेता मनोज झा ने कहा कि जातिगत जनगणना की लड़ाई हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने लड़ी थी. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जब आंदोलन का एलान और पद यात्रा करने की बात कही तो मुख्यमंत्री ने समय दिया और आज बैठक हुई.


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