पटना: बिहार सरकार में पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की बागडोर सम्हाल रहे मुकेश सहनी को सरकारी कार्यक्रम में अपने भाई को भेजना महंगा पड़ गया. मंत्री जी की इस हरकत की सबने आलोचना की. यहां तक कि सीएम नीतीश ने भी उन्हें फटकार लगाई, जिसके बाद उन्हें सामूहिक रूप से मांफी मांगनी पड़ी. लेकिन माफी मांगने के बाद भी मामला शांत नहीं हुआ है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मामले में मुकेश सहनी पर निशाना साधा है. साथ ही सीएम नीतीश को भी घेरने की कोशिश की है.


रिश्तेदारों को पीए रखने की भी नहीं है इजाजत


तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को विधानसभा परिसर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस पर मुझे ज्यादा टिप्पणी नहीं करनी. लेकिन इस घटना के पीछे के मंसूबों को समझ लें. कोई विधायक भी अपना पीए रखना चाहे तो भी वो अपने रिश्तेदारों को नहीं रख सकता. ये नियम है. अब कल को मुख्यमंत्री जी कहीं क्षेत्र में बिजी हैं और अपने बेटे को विधानसभा भेज दें, तो क्या ये अच्छा लगेगा?


गलती मुकेश सहनी की नहीं नीतीश कुमार की है


उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही रहा तब तो कल को कोई और क्षेत्र में बिजी रहने पर अपने बेटे को विधानसभा भेज देंगे, ऐसा कैसे चलेगा? मुकेश साहनी पर हमला करते हुए तेजस्वी ने कहा कि अगर वे व्यस्त थे, तो कार्यक्रम में कोई और पार्टी कार्यकर्ता जा सकता था. उनको अपना भाई ही मिला. दरअसल, जिन लोगों ने जमीन पर काम नहीं किया, जो जमीनी हकीकत नहीं जानते, जिसने कभी चुनाव नहीं जीता है, उसको मंत्री बना दिया गया है. इसमें गलती मुकेश सहनी की नहीं नीतीश कुमार की है.


उन्होंने कहा कि नीतीश जी हमें कहते रहते हैं कि ए,बी,सी,डी नहीं आता. लेकिन उन्हें अपनी तरफ भी देखना चाहिए कि कैसे वो सरकार चला रहे हैं. नुकसान केवल बिहार की जनता का हो रहा है. मुकेश साहनी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि भाई को भेजे तो भेजे ये बता कर भी नहीं भेजे कि कौन सी योजना के तहत वितरण करना है. योजना की भी जानकारी नहीं थी. हारे हुए उम्मीदवार को मंत्री बनाया गया है. जो विधायिका नहीं जानता वो सरकार की पॉलिसी कहां से जानेगा. भगवान भरोसे सरकार चल रही है, इसी तरह चलने दीजिये.


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