पटना: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके मंत्रिमंडल पर आरोप लगाया है कि लोग कोरोना से परेशान हैं और मंत्री वर्चुअल रैली कर रहे हैं. तेजस्वी ने एक के बाद एक कई ट्वीट के ज़रिए बिहार सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि ग़ाफ़िल नीतीश सरकार बेपरवाही, लापरवाही, निर्लज्जता, नैतिकता, समयनिष्ठा, सत्यनिष्ठा, कर्तव्यपरायणता और ग़ैर ज़िम्मेवारी के सारे पैमाने तोड़ चुकी है. सरकार के मुखिया खुद कई दिनों से अनजान कारणों से निष्क्रिय और अदृश्य हैं. कोरोना के चलते बिहार में त्राहिमाम है.


तेजस्वी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, "अव्यवस्था के चलते लोगों की तड़प-तड़प कर जान जा रही रही है. प्रशासन के महत्वपूर्ण लोग संक्रमित हो चुके हैं. आम आदमी की कहीं कोई सुध लेने वाला नहीं है. लोग बाढ़ से बेहाल हो मर रहे हैं, लेकिन सूबे के जलसंसाधन मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री सहित पूरा मंत्रिमंडल वर्चुअल रैली में मस्त हैं.


तेजस्वी ने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा, "नीतीश सरकार अमानवीयता, असंवेदनशीलता और क्रूरता की पराकाष्ठा पार कर चुकी है. इनके अंदर की इंसानियत मर चुकी है, इन्हें राज्यवासियों की नहीं उनके वोटों की चिंता है. मेरी सभी प्यारे प्रदेशवासियों से हाथ जोड़कर विनम्र विनती है कि स्वयं का और परिवार का ध्यान रखें. सतर्क, सावधान और सुरक्षित रहें."


तेजस्वी ने लिखा है कि सरकार सोच रही है कि जात-पात के मिश्रण, कुछ महीने मुट्ठी भर चीज़ें मुफ़्त में बांटकर और 57 घोटाले कर फिर बिहार को लूट लेंगे, लेकिन न्यायप्रिय जनता इनकी असलियत समझ चुकी है. सुशासन का चोला पहने कुशासनी वक्रदृष्टा लोगों से बिहार को बचाना है.


तेजस्वी के इन आरोपों का जवाब जेडीयू के प्रवक्ता निखिल मंडल ने दिया. निखिल ने कहा कि झूठ, फरेब, लूट, हत्या, अपहरण, भ्रष्टाचार जिस व्यक्ति की जमा-पूंजी है, जो व्यक्ति उस 'कुशासन' काल का प्रतिक है, जिसे देश की अदालत ने भी "जंगलराज" की संज्ञा दी थी, आज वो ज्ञान दे रहा. ज्यादा वक़्त नहीं हुआ, कुछ समय पहले ही माफ़ी मांगते फिर रहे थे. माफ़ी मांगते फिर रहे थे. उस 15 साल के लिए जिसके अलावा इनके पास दिखाने को कुछ भी नहीं है.


उन्होंने कहा, "भूलो मत 'तेजस्वी बाबू' आप उसी काले काल के प्रतिक हो जो बिहार की प्रगति और बिहार के लोगों के लिए काल साबित हुआ. आज आप एक ऐसी सरकार और एक ऐसे सीएम पे ऊंगली उठा रहे हैं, जिसका लोहा देश मानता है. आज विधायक भी आप इसलिए हो क्योंकि वोट नीतीश जी के नाम पे मांगे थे. विधायकी के आखिरी 100 दिन के मजे ले लो. जाने वाली है."


निखिल मंडल ने कहा कि बाढ़ हो या सुखाड़, या कोई अन्य आपदा, आपके पार्टी ने सब का पैसा लूटा किसको नहीं पता है ? दिल पे हाथ रखो, आपको भी पता है. अगर नहीं, तो क्यों मांग रहे थे माफ़ी? आप लोग इंसान क्या, मवेशियों तक का चारा खा गए, अब और क्या बोला जाए?


निखिल मंडल ने तेजस्वी से सवाल किया, "जिस कोरोना पर आज राजनीती कर रहे हो, उसके लिए किया क्या है? सिवाय नाटक के? एक हफ्ते में आपके दो विधायक कैसे नजर आए, किसको नहीं पता है? फर्जी, झूठे और लालची हो आप लोग. लोग आपदा से जूझ रहे हैं और आप राजनीति कर रहे हो? कैसे इंसान हो? मर गई इंसानियत भी? पैसा कमाना, लोगों का धन लूटना तो आप लोगों की फितरत है. वो बिहार के लोग समझते हैं. अब इस आपदा में भी लोगों के साथ ना खड़े होकर बस नाटक कर रहे हो?"


उन्होंने कहा, "झूठ, फरेब, भ्रस्टाचार, कुशाषण, लूट, हत्या के प्रतीक रहे 15 साल की उपज 'तेजस्वी', पहले अपने गिरेबान में झांको. कथनी और करनी में कोई सामंजस्य नहीं. जनता को मूर्ख बनाना बंद करो."


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