Tejashwi Yadav: तेजस्वी के भाषण पर JDU-BJP ने ली चुटकी, कहा- अनुकंपा के आधार पर विरासत संभालने की हो रही कोशिश
तेजस्वी यादव लिखा हुआ भाषण पढ़ रहे थे. इस दौरान वे बार-बार अटक रहे थे. पीएम नरेंद्र मोदी के सामने भाषण देते समय तेजस्वी काफी नर्वस दिखे. इस दौरान सबकी नजर उनके अटकने पर चली गई.
पटना: बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष के समापन समारोह में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लिखा हुआ भाषण पढ़ रहे थे. इस दौरान वे बार-बार अटक रहे थे. तेजस्वी के भाषण के दौरान सबकी नजर उनके अटकने पर गई. लिखित भाषण पढ़ते हुए तेजस्वी यादव कई बार लड़खड़ा रहे थे. शब्दों को ठीक से नहीं पढ़ पा रहे थे. तेजस्वी को भाषण के लिए चार मिनट मिला था. भाषण के समय नेता प्रतिपक्ष के चेहरे पर तनाव दिखा. अपने भाषण में करीब छह बार लड़खड़ाए. इस दौरान सत्तापक्ष के नेता हंस रहे थे. पीएम नरेंद्र मोदी के सामने भाषण देते समय तेजस्वी काफी नर्वस हो गए थे. तेजस्वी ठीक से अपना भाषण नहीं पढ़ पा रहे थे, इसको लेकर बीजेपी और जेडीयू ने उनपर तंज कसा है.
बिहार बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा की तेजस्वी यादव लिखा हुआ भाषण नहीं पढ़ सके. बिहार के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. इतने ऐतिहासिक अवसर पर नेता प्रतिपक्ष लिखा हुआ भाषण नहीं पढ़ सके, इससे साफ दिख रखा कि अशिक्षित हैं. उनको पढ़ाई करने की जरुरत है. वहीं, जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि आज साबित हो गया कि उनकी राजनीति अनुकंपा के आधार पर है. उनकी खूबी यही है कि लालू यादव के पुत्र हैं. उनकी विरासत संभालने की कोशिश कर रहे हैं. अनुकंपा के आधार पर राजनीति कर रहे हैं, इसलिए आत्मविश्वास की कमी दिखेगी. भाषण पढ़ते समय लड़खड़ाना दिखाता है कि उनके अंदर आत्मबल की कमी है. परिवारवाद, वंशवाद की पार्टियों में यही देखने को मिलता है.
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जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग
गौरतलब है कि तेजस्वी यादन ने प्रधानमंत्री मोदी से मांग की जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया जाए. अपने भाषण में तेजस्वी ने बिहार में स्कूल ऑफ डेमोक्रेसी खोलने की मांग करते हुए कहा कि बिहार लोकतंत्र की जननी है, इसलिए इसका संदेश पूरे देश में जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि स्कूल ऑफ डेमोक्रेसी जैसी संस्था से लोकतंत्र के विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन शोध का अवसर और प्रशिक्षण मिल सकेगा. तेजस्वी ने प्रधानमंत्री की तारीफ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने कई योग्य व्यक्तियों को पद्म पुरस्कार और भारत रत्न दिया. हालांकि, तेजस्वी ठीक से अपना भाषण नहीं पढ़ पा रहे थे.
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