बांका: जिले में चांदन नदी पर लाखों की लागत से बना डायवर्सन आखिरकार शनिवार को बह गया. इसके साथ ही बांका जिला एक बार फिर से दो भागों में बंट चुका है. डायवर्सन बह जाने की वजह से बांका-ढाकामोड़ सड़क मार्ग पर यातायात ठप हो गया है. इससे बांका जिलेवासियों की परेशानी काफी बढ़ गई है. चांदन पुल के नहीं होने की वजह से अभी चार प्रखंडों के लोगों को आने-जाने में परेशानी होती है.
पुल निर्माण के लिए दो कंपनियों को दिया गया टेंडर
चांदन नदी पर उच्च स्तरीय पुल का निर्माण समय सीमा के अंदर हो सके, इसको लेकर दो कंपनियों को निर्माण के लिए टेंडर दिया गया है. इसमें बौंसी के राजवीर कंस्ट्रक्शन व श्रीराम कंस्ट्रक्शन शामिल हैं. इस पुल का पूरा निर्माण कार्य 18 माह के समय सीमा में किए जाने का लक्ष्य रखा गया है.
इधर, डायवर्सन के बह जाने से नदी के पूरब स्थित बांका जिले के बाराहाट, बौंसी, पंजवारा, धोरैया एवं रजौन आदि क्षेत्रों का सीधा संपर्क जिला मुख्यालय से भंग हो चुका है. रजौन-धोरैया के लोग तो जैसे तैसे पुनसिया-अजीत नगर अमरपुर सड़क मार्ग से दोगुनी दूरी तय करके बांका पहुंच सकते हैं, लेकिन बाराहाट, बौंसी, पंजवारा, श्याम बाजार आदि क्षेत्रों के लोगों के लिए अब जिला मुख्यालय तक पहुंचना एक बड़ी समस्या बन गई है. बांका के लोगों को झारखंड के गोड्डा-दुमका आदि तक जाने के लिए भी अब काफी लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी.
आपातकाल स्थिति से निपटने के लिए भी व्यवस्था
जिले के चार प्रखंडों को जोड़ने वाले चांदन नदी के पुल व डायवर्सन पर प्रशासन की पूरी नजर है. आमलोगों को आवाजाही की समस्या ना हो इसको ध्यान में रखते हुए इंतजाम किए गए हैं. पुल निगम के कार्यपालक अभियंता प्रभात कुमार ने बताया कि बरसात के बाद चांदन पुल के नींव की खोदाई की जाएगी. बरसात के मौसम को देखते हुए 48 ह्यूम पाइप लाए गए हैं, ताकि डायवर्सन क्षतिग्रस्त होने पर तुंरत ह्यूम पाइप लगाकर मरम्मत की जा सके.
आरजेडी के जिलाध्यक्ष अर्जुन ठाकुर, अधिवक्ता मनीष कुमार और बिमलेंदु पाठक ने बताया कि 27 सितंबर 1995 को आए भीषण बाढ़ में अंग्रेजों के जमाने में लोहे से बना पुल ध्वस्त हो गया था. इसके बाद 1996 में तीन करोड़ रुपये की लागत से 36 पाया वाला महेंद्र गोप सेतु का निर्माण हुआ था. इसका उद्घाटन 1997 में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव द्वारा बांका के आरएमके मैदान से किया गया था.
चांदन नदी पर बना महेंद्र गोप सेतु 12 जनवरी 2020 को क्षतिग्रस्त हो गया था. इसके बाद दो मई 2020 को प्रशासन द्वारा इस पुल से आवागमन को रोक दिया गया था. 31 अगस्त 2020 को नए पुल के निर्माण कार्य के लिए तत्कालीन पूर्व पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने पटना से ऑनलाइन चांदन पुल व डायवर्सन निर्माण का शिलान्यास किया था.
शिलान्यास के करीब 18 माह बाद लगभग 40 करोड़ की लागत से अब निर्माण कार्य प्रारंभ होने की सूचना है. नए पुल के निर्माण कार्य को लेकर बांका जिले के लोगों में खुशी की लहर देखी जा रही थी लेकिन अब डायवर्सन के बह जाने से लोगों के मन में काफी निराशा छा गई है. मालूम हो कि चांदन नदी पर 440 मीटर लंबा पुल का निर्माण होना है, जिसमें 14 पाया का निर्माण होगा, जबकि पुल की चौड़ाई 18 मीटर की होगी.
इनपुट: (कुमुद रंजन राव)
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