बिहार सरकार ने जिसे राजधानी पटना में जलजमाव का बताया था जिम्मेवार, उसने मीडिया में आकर खोल दिए सभी राज
अनुपम सुमन ने कहा बिहार में जितने भी म्युनिसिपल हैं, उनके पास कोई पॉवर नहीं है. ये पटना नगर निगम नहीं पटना नरक निगम है. मैं इस अफसोस के साथ नहीं मरना चाहता था कि मैं पटना के लिए कुछ नहीं कर सका, जबकि मैं कर सकता था.
पटना: पूर्व नगर आयुक्त और पलूरल्स पार्टी के जनरल सेकरेट्री अनुपम सुमन ने मंगलवार को पटना के होटल मौर्य में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें उन्होंने पिछले साल राजधानी पटना हुए जलजमाव को लेकर बिहार सरकार की ओर से उनके खिलाफ जारी किए गए पत्र के संबंध बात की और राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा.
पटना नगर निगम की कोई हैसियत नहीं
पीसी में अनुपम सुमन सरकार पर जमकर भड़के. उन्होंने कहा, "मैं मां और दादी के कहने पर सिविल सर्विस में आया था, लेकिन मुझे पता था कि आप अगर नौकरशाही में आकर ईमानदारी से काम करते हैं और पैसा कमामे के लिए कोई अलग बिजनेस नहीं करते हैं तो अंत में यही होगा. आज मेरे साथ हुआ कल किसी और के भी साथ होगा. पटना में ड्रेनेज सिस्टम है ही नहीं. डीजल बचाने के लिए पंप नहीं चलाते हैं. पटना नगर निगम की कोई हैसियत नहीं है. विदेशों के मुकाबले यहां का नगर निगम एक टोकन बना हुआ है."
अफसोस के साथ नहीं मरना चाहता था
उन्होंने कहा, "बिहार में जितने भी म्युनिसिपल हैं, उनके पास कोई पॉवर नहीं है. ये पटना नगर निगम नहीं पटना नरक निगम है. मैं इस अफसोस के साथ नहीं मरना चाहता था कि मैं पटना के लिए कुछ नहीं कर सका, जबकि मैं कर सकता था. पटना में कभी भी डोर टू डोर कचरा उठाने का काम नहीं हुआ. पटना में नाले हैं ही नहीं तो सफाई कहां से होगी. ये रटा-रटाया जवाब है कि नालों की सफाई नहीं हुई है. पटना नगर निगम को स्वायत्तता दिए कुछ बिना संभव नहीं है. सवायात्ता से फंड की कमी पूरी हो जाएगी."
विधायकों को हो जाती है दिक्कत
अनुपम ने कहा, "पटना में कोई भी बिल्डिंग का पटना नगर निगम से अप्रूवल नहीं मिला है. किसी भी पुल का अप्रूवल नहीं है. पटना में कोई व्यवस्था नहीं है. नगर निगम पेड़ भी नहीं लगा सकता जबकि उसे पेड़ लगाने का अधिकार है. पटना नगर निगम में सुधर के लिए अनेक पत्र लिखे लेकिन उससे विधायकों को दिक्कत हो जाती है.
मुझे लेकर हुईं बहुत सारी बातें
उन्होंने कहा, " पिछले वर्ष जो जलजमाव हुआ जो हर वर्ष होता है. उसको लेकर बहुत सारी बातें हुईं मुझे लेकर, मीडिया ने भी बहुत कुछ अनाप-शनाप लिखा. मैं औपचारिक किस्म का आदमी हूं मैंने उस वक़्त भी कहा कई लोगों ने कांटेक्ट करने की कोशिश की कई लोग नाराज़ हो गए की आपने बात नहीं की. मैं औपचारिक किस्म का आदमी हूं. एक दिन पहले मुझे पत्र मिला इसलिए आज मैं जवाब देने आया हूँ. उसके बाद फिर नहीं आऊंगा."
नाले की सफाई हुई थी
उन्होंने कहा, " मुझपर आध्यात्मिक किस्म के आरोप हैं, कि नेतृत्व क्षमता का आभव था, संवादहीनता की स्थिति थी, नाले की सफाई नहीं हुई थी. लेकिन नाले की सफाई हुई थी, अगर नहीं हुई होती तो पानी कैसे निकला फिर. बाकी दूसरे आरोपों की बात है तो मैंने पहले ही घोषणा कर दी थी कि मैं आध्यात्मिक क्षेत्र में जाना चाहता हूं, यह बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी पता है."
मैं नहीं था नगर आयुक्त
जलजमाव के सवाल पर उन्होंने कहा, " कप्तान तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं, नगर निगम के कप्तान मेयर हैं, नगर विकास विभाग के कप्तान मंत्री जी हैं, अगर कप्तानी सिद्ध करनी है तो सभी लोग कप्तान हैं. मैं उस समय नगर निगम आयुक्त नहीं था, मैं 22 अगस्त को ही उस पद से चला गया था और 12 अक्टूबर को आया था फैक्ट चेक कर लीजिये."
पानी निकालने में आपकी सफलता
उन्होंने कहा, " यह एक दिन की किसी की जिम्मेदारी तय करना मुश्किल है. यह एक कॉम्प्लिकेटेड सिस्टम है. अगर आपके शहर में ड्रेनेज सिस्टम का आभव है. तो आप एक ही चीज़ कर सकते हैं कि पानी जब लगे तो आप पंप आउट कर सकते हैं. लेकिन अगर पंप हाउस नहीं चलेगा किसी कारणवश या भूलवश तो पानी निकासी बंद हो जाएगा. मेरे कार्यकाल में मैंने 6 फ्लड डिवाटरिंग पंप भी चलाए थे, जो इस वर्ष अच्छा चल रहा है. उस वक़्त उन्होंने उसे सही समय पर नहीं चलाया. सिस्टेमैटिक फेल्यर है और जब तक डोर टू डोर ड्रैनेज सिस्टम नहीं बनेगी तब स्थिति ऐसी ही रहेगी. पानी जमा होगा आपकी सफलता इसी चीज में होगी कि आप कितने जल्दी पानी निकाल सकते हैं."