प्राइवेट अस्पताल में नहीं मिल रहा आयुष्मान योजना का लाभ, दर-दर भटक रहा गरीब परिवार
गरीब परिवार के पास प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत आयुष्मान योजना का कार्ड भी उपलब्ध है. बावजूद इसके नारायण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के अधिकारी इलाज करने के बजाए उनसे पैसे की मांग कर रहे हैं.
रोहतास: आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीब परिवार का मुफ्त इलाज करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना शुरू की है. लेकिन जमीनी स्तर पर योजना की हकीकत कुछ और ही है. आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद गरीब परिवार के लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा है. ताजा मामला रोहतास के बिक्रमगंज का है, जहां स्वर्गीय रामप्रवेश राम की बेटी की खून की कमी के वजह से तबीयत काफी खराब है. लेकिन उसका इलाज नहीं हो पा रहा है.
मिली जानकारी अनुसार बीती रात रोशनी की तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे जमुहार के एक प्राइवेट अस्पताल लेकर पहुंचे जहां किसी से संपर्क नहीं हो सका. अस्पताल प्रबंधक से लेकर अस्पताल के मालिक से भी संपर्क करने की कोशिश की गई , लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया. हालत बिगड़ता देख परिजन रोशनी की बीती रात तकरीबन 12:00 बजे सदर अस्पताल ले गए, जहां सिविल सर्जन और अस्पताल उपाधीक्षक के सहयोग से लड़की को ब्लड चढ़ाया गया.
सदर अस्पताल में डॉक्टरों ने बताया कि लड़की के लिवर में काफी पानी भर गया है. ऐसे में जब वो रोशनी को लेकर एक अस्पताल पहुंचे डॉक्टरों ने पहले कोरोना जांच के लिए 2500 रुपये की मांग की. उसके बाद कहा गया कि अगर कोरोना पॉजिटिव निकला तो प्रतिदिन 10 हजार रुपये के हिसाब से फीस देना पड़ेगा.
बता दें कि इस गरीब परिवार के पास प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत आयुष्मान योजना का कार्ड भी उपलब्ध है. बावजूद इसके नारायण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के अधिकारी गरीब मरीज का इलाज करने के बजाए उनसे पैसे की मांग कर रहे हैं.