कांग्रेस ने उपमुख्यमंत्री पर साधा निशाना, कहा- जो सही उम्र नहीं बता सकता, वो वित्त मंत्रालय कैसे संभालेगा?
राजेश राठौड़ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता और बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद अपने पिछले चार चुनावों के शपथ पत्र को सार्वजनिक करें ताकि उनके उम्र का सही हिसाब मिल सके. अन्यथा गलत शपथ पत्र और सूचना देने के एवज में चुनाव आयोग उनकी सदस्यता रद्द करें.
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव सम्पन्न हो चुका है. चुनाव परिणाम के घोषणा के बाद सीएम नीतीश के नेतृत्व में मंत्री मंडल और नई सरकार का गठन हो चुका है. चुनाव भले ही सम्पन्न हो गया हो लेकिन चुनाव को लेकर सियासत अब भी जारी है. पहले शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी को लेकर सियासी घमसान मचा और अब तक उपमुख्यमंत्री को लेकर विवाद शुरू हो गया है.
ऐसे में आरजेडी के बाद अब कांग्रेस ने उपमुख्यमंत्री पर हमला बोला है. कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा, " बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद अपने उम्र का भी सही हिसाब नहीं दे पा रहें हैं, जैसे इनके प्रधानमंत्री आजतक अपनी डिग्री नहीं दिखा पाएं. जो उपमुख्यमंत्री अपने उम्र का हिसाब किताब सही नहीं रख सकता, चुनाव आयोग को सही उम्र नहीं बता सकता वह वित्त मंत्री के रूप में राज्य का हिसाब किताब भला कैसे बेहतर रख सकता है. उन्होंने कहा कि उम्र में जब इतना घोटाला है, तो वित्त विभाग में कितना घोटाला करेंगे."
उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग अब उम्र में भी घोटाला करने लगे हैं. भाजपा का यही चाल चरित्र और चेहरा है. इनके सर्वोच्च नेता ही अपनी डिग्री छिपा लेते हैं. वहीं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने का दम्भ भरने वाले भाजपा के नेता बड़े संवैधानिक पद पर बैठने के बावजूद अपने उम्र तक का गलत हिसाब दे रहें हैं.
राजेश राठौड़ ने कहा, " भारतीय जनता पार्टी के नेता और बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद अपने पिछले चार चुनावों के शपथ पत्र को सार्वजनिक करें ताकि उनके उम्र का सही हिसाब मिल सके. अन्यथा गलत शपथ पत्र और सूचना देने के एवज में चुनाव आयोग उनकी सदस्यता रद्द करें. अब तक इनके उप मुख्यमंत्री पर संपत्ति ही बढ़ने के मामले आते थे अब तो उम्र भी बढ़ने घटने लगें. ये गंभीर मामला है और चुनाव आयोग को स्वतः संज्ञान लेकर इसपर कार्रवाई करनी चाहिए."
दरअसल, उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के उम्र को लेकर विवाद शुरू हो गया है. विवाद की शुरुआत चुनाव आयोग को सौंपे गए उनके 2005 से 2020 तक के हलफनामे में दिए गए उम्र संबंधी जानकारी को लेकर हुई है. दरअसल, 2005 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने चुनाव आयोग को जो हलफनामा सौंपा है उसमें उन्होंने अपनी उम्र 48 वर्ष बताई है.
वहीं, बिहार विधानसभा चुनाव 2010 में उन्होंने चुनाव आयोग को जो हलफनामा सौंपा है उसमें उन्होंने अपनी उम्र 49 साल बताई है. जबकि 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने चुनाव आयोग को जो हलफनामा सौंपा है उसमें उन्होंने अपनी उम्र 52 वर्ष बताई है. वहीं, इस बार के चुनाव में उन्होंने चुनाव आयोग को जो हलफनामा सौंपा है उसमें उन्होंने अपनी उम्र 64 वर्ष बताई है.
इस बात को लेकर विवाद है कि उपमुख्यमंत्री की उम्र कैसे 2005-2010 के बीच उम्र 1 साल, 2010-2015 के बीच 3 साल और 2015-2020 के बीच 8 साल बढ़ गई. उनकी ओर से की गई इस गड़बड़ी को लेकर अब सूबे की सियासत गरमा गई है. आरजेडी ने इस बात को लेकर हमला बोला था. वहीं, अब कांग्रेस ने भी उनपर हमला बोला है.