पटना: बिहार में नई सरकार की गठन के लगभग तीन महीने बाद मंगलवार को मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया. बिहार की राजधानी पटना स्थित राजभवन के राजेन्द्र मंडपम में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह के दौरान बीजेपी और जेडीयू के कुल 17 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली. मंत्री पद की शपथ लेने वालों में हाल ही में बीएसपी से जेडीयू में आए जमा खान भी शामिल हैं.
जमा खान को बनाया गया अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री
जमा खान को बिहार सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बनाया गया है. हालांकि, उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने पर अब विवाद शुरू हो गया है. आरजेडी ने जमा खान को मंत्री बनाए जाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा है. आरजेडी प्रवक्ता मृयुंजय तिवारी ने कहा कि बड़े मशक्कत से 85 दिनों के बाद नीतीश जी ने मंत्रिमंडल का विस्तार किया. इस मंत्रिमंडल मंडल में भी दूसरे दल के नेता जमा खान जिनको बसपा से उन्होंने तोड़ कर अपनी पार्टी में शामिल किया, उनको मंत्री बनाया है. उनके ऊपर कई आरोप हैं. अब नीतीश कुमार जी इस मुद्दे पर जवाब दें.
क्या जेडीयू में नहीं थे साफ छवि वाले नेता ?
उन्होंने कहा कि पहले भी जब उन्होंने मंत्रिमंडल का विस्तार किया था, तो मेवालाल चौधरी को मंत्री बनाया था. उनपर भी कई आरोप थे. विवाद शुरू हुआ तो उनको इस्तीफा देना पड़ा था. अब जिस जमा खान को उन्होंने मंत्री बनाया है उनके ऊपर भी आरोप हैं. ऐसे में नीतीश कुमार को सफाई देनी चाहिए कि क्या उन्हें अपने दल में कोई साफ-सुथरी छवि वाला नेता नहीं मिला?
मध्यावधि चुनाव का किया दावा
मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि हमारा जो दावा है बिहार में मध्यावधि चुनाव का उसमें दम है. मुख्यमंत्री जी ने भले ही किसी तरह मंत्रिमंडल का विस्तार कर लिया है, लेकिन यह सरकार चलने वाली नहीं हैं. बीजेपी और जेडीयू के अंदर बगावत का स्वर फूट चुका है. ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू जी ने नाराजगी जाहिर की है, अभी कई ऐसे हैं जो बगावत करेंगे. इस सरकार में कुछ भी ठीक नहीं है. ये सरकार अपने अंतर्कलह से जल्द गिरेगी.
क्यूं हो रहा है विवाद ?
गौरतलब है कि जमा खान की हिस्ट्री दबंग नेता के रूप में रही है. उनपर 24 के आसपास आपराधिक मामले दर्ज हैं. बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने चुनाव आयोग को जो हलफनामा दिया था, उसमें उन्होंने अपने ऊपर हत्या की कोशिश, हिंसा भड़काने, आर्म्स एक्ट जैसे मामलों में चल रहे मुकदमे का जिक्र किया था.
बता दें कि उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 323, 324, 307 के तहत मामले दर्ज हैं. हत्या की कोशिश जैसा 307 का गंभीर मुकदमा उनके ऊपर है. साथ ही साथ आर्म्स एक्ट के मामले में उनके खिलाफ संज्ञान भी लिया जा चुका है. जमा खान के ऊपर कैमूर जिले के अलग-अलग थानों में लगभग 14 मामले दर्ज हैं, जिसमें से किसी में भी न्ययालय द्वारा उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है.
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