पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में एलजेपी की बगावत जेडीयू को भारी पड़ी. ये एलजेपी के ही बगावत का नतीजा था कि जेडीयू इस बार के चुनाव में 43 सीटों पर सिमट गई. जेडीयू ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि एलजेपी की वजह से उसे कई सीटों पर नुकसान हुआ. अब चुनाव को बीते 2 महीने होने को हैं, लेकिन जेडीयू अब भी चिराग पर तकरार जारी है.


जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत होने के बाद सोमवार को आरसीपी सिंह ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत की. इस बातचीत के दौरान फिर एक बार चुनाव परिणाम को लेकर उनका दर्द छलका. उन्होंने एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान की ओर इशारा करते हुए कहा कोई किसी की समय पर सभी प्रकार से मदद करे, उसे स्थापित करने में सहायता करे और जब मौका आये तो वो छुरा भोंकने का काम करे, यह तो धोखा देना हुआ.


आरसीपी सिंह ने कहा कि उन्होंने (एलजेपी) सिर्फ हमारे साथियों के खिलाफ उम्मीदवार खड़े कर किए. लेकिन उनको क्या मिला? महज कुछ प्रतिशत वोट जिससे कुछ नहीं होता है. लेकिन बिहार की राजनीति में लोग उनको इस बात के लिए याद रखेंगे कि एक ऐसे नेता के खिलाफ उन्होंने उम्मीदवार दिया जिसने बिहार के सभी वर्गों के लिए, समाज के लिए काम किया है.


उन्होंने कहा जो बिहार को विकसित बिहार बनाना चाहता है, वो (एलजेपी) उनके पैरों में जंजीर बंधना चाहते हैं. मैं किसी एक व्यक्ति का नाम नहीं लूंगा लेकिन लोगों ने देखा होगा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में पूरी ईमानदारी के साथ हमलोग ने साथ मिलकर काम किया था. 39 सीटों पर हमने सफलता हासिल की थी.


उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव 2019 में एक पार्टी ऐसी थी, जिसके 6 सीट थे और इन सीटों पर हमलोग ने जीत दिलवाई थी. उस पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष थे जो अब नहीं रहे उनको राज्यसभा भेजने के लिए भी हमारे नेता ने पूरा योगदान दिया. लेकिन उनका जो रवैया इस विधानसभा चुनाव में रहा उसके बारे में बस यही कहूंगा कि ये अच्छा नहीं हुआ.