अव्यवस्था की हद: NMCH में ऑक्सीजन के बदले चढ़ाया जा रहा 'बिसलेरी' का पानी, एम्बुलेंस में दम तोड़ रहे मरीज
एनएमसीएच के डॉक्टर अजय कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बार पिछली बार से ज्यादा मरीज आ रहे हैं और उनकी कंडीशन सीरियस रहती है. जब तक हम लोग प्रबंध करते हैं, तब तक उनकी मौत हो जाती है. लाइन काफी ज्यादा लंबी है. स्थिति बहुत गंभीर है.
पटना: कोरोना संक्रमण की दूसरी और ज्यादा खतरनाक लहर तेजी से फैल रही है. बिहार में रोजाना कोरोना के सैकड़ों नए मरीज मिल रहे है. वहीं, संक्रमण से मरने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. इस बीच सूबे की राजधानी पटना के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल एनएमसीएच में कोरोना संक्रमित मरीजों की लगातार हो रही मौत से मृतक के परिजनों में खासा आक्रोश है.
एम्बुलेंस में पड़े मरीज की हो रही मौत
पटना में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच एनएमसीएच अस्पताल का बेड फुल होने के कारण अस्पताल के बाहर एम्बुलेंस में पड़े मरीज की मौत होने से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. मिली जानकरी अनुसार सूबे के समस्तीपुर जिले के रोसड़ा से परिजन मरीज का एनएमसीएच में इलाज कराने के लिए आये थे. लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने बेड नहीं होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया.
इधर, मरीज एम्बुलेंस में करीब आधे घंटे तक पड़ा रहा और परिजन पर्ची कटाने के लिए दर-दर भटकते रहे. इसी बीच एम्बुलेंस में पड़े मरीज की तड़प-तड़प कर मौत हो गई. हालांकि, सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगलवार को एनएमसीएच का निरीक्षण करने पहुंचे थे औक कई दावे किए थे. उस दौरान भी एक मरीज की एम्बुलेंस में करीब डेढ़ घंटे तक पड़े रहने से मौत हो गई थी. ऐसे में विभागीय दावों में कितनी सच्चाई है, ये इन घटनाओं के सामने आने के बाद स्पष्ट है.
ऑक्सीजन के बदले बिसलेरी का पानी
अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजनों ने बताया कि यहां मरीजों को ऑक्सीजन भी नहीं मिल रहा है. उसके एवज में बिसलेरी का पानी मरीजों को चढ़ाया जा रहा है. वहीं, मरीजों को डॉक्टर देखने तक नहीं आ रहे हैं. अस्पताल में बेड फुल होने के कारण परिजन अपने मरीजों के साथ घंटों इंतजार के बाद वापस भी लौट जा रहे हैं. वहीं, अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा इस्तेमाल किए गए पीपीई किट को भी अस्पताल के बाहर खुले आसमान के नीचे फेंक दिया जा रहा है, जिससे संक्रमण फैलने का आसार बना हुआ है.
इस संबंध में जब एनएमसीएच के डॉक्टर अजय कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बार पिछली बार से ज्यादा मरीज आ रहे हैं और उनकी कंडीशन सीरियस रहती है. जब तक हम लोग प्रबंध करते हैं, तब तक उनकी मौत हो जाती है. लाइन काफी ज्यादा लंबी है. स्थिति बहुत गंभीर है. हम बेड बढ़ाने की ओर काम कर रहे हैं. डॉक्टर 24 घंटे मुस्तैद हैं. बेहतर तरीके से इलाज किया जा रहा है.
यह भी पढ़ें -
तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार को बताया 'निकम्मा', कहा- कोरोना के नाम पर हजारों करोड़ की लूट हुई