कोविड टेस्ट में 'फर्जीवाड़े' के दावों पर स्वास्थ्य विभाग ने वीडियो जारी कर दी सफाई, जानें- क्या है पूरा मामला?
हाल ही में एक मीडिया रिपोर्ट ने दावा किया है कि कम कोरोना जांच कर बिहार सरकार ने अधिक जांच के आंकड़े जारी किए हैं. वहीं, ऐसा करके बड़ी रकम की हेराफेरी की गयी है.
पटना: बिहार में कोरोना जांच के डेटा में किए गए कथित फर्जीवाड़े को लेकर उठे सवालों के बीच के बिहार स्वास्थ्य विभाग ने वीडियो जारी कर सफाई दी है. वीडियो के जरिए ये बताया गया है कि दो व्यक्ति का एक ही मोबाइल नम्बर रजिस्टर कर कोरोना टेस्ट करवाया गया था. एक बेटी और उसके पिता से बात करते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी द्वारा यह बताया गया है कि उन्होंने कोरोना टेस्ट कब और कैसे करवाया है.
डेढ़ मिनट का है वीडियो
दोनों के साथ बातचीत का ये वीडियो तकरीबन डेढ़ मिनट का है, जिसमें अधिकारी इस बात की जानकारी ले रहे हैं कि दोनों ने अपना टेस्ट कब और कैसे करवाया था. इसके जवाब में लड़की बताती है कि 20 जनवरी को टेस्ट करवाया था. जब अधिकारी उनसे पूछते हैं कि टेस्ट का रिजल्ट तुरंत आया था? इसका जवाब देते हुए पिता और बेटी एक साथ कहते हैं कि दो दिन बाद पटना से रिजल्ट आया था. हालांकि, उन दोनों ने यह भी बताया कि उनका कोरोना टेस्ट निगेटिव था.
इस तरह हुआ पूरे मामले का खुलासा
दरअसल, हाल ही में एक मीडिया रिपोर्ट ने दावा किया है कि कम कोरोना जांच कर बिहार सरकार ने अधिक जांच के आंकड़े जारी किए हैं. वहीं, ऐसा करके बड़ी रकम की हेराफेरी की गयी है. इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद नीतीश सरकार पर सवाल उठ रहे हैं. विपक्ष इस मामले में हमलावर है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री पर कोरोना जांच में घोटाला करने का आरोप लगाया है.
इधर, मामले को तूल पकड़ता देख स्वास्थ्य विभाग ने सफाई पेश की है. हालांकि, ये वीडियो सरकार और स्वास्थ्य विभाग के बचाव में कितना कारगर साबित होता है ये तो वक़्त ही बताएगा.
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