सुपौल: कोरोना काल में एक तरफ जहां बेड के लिए मरीज परेशान हो रहे हैं, वहीं, दूसरी ओर बिहार के कई सरकारी अस्पताल ऐसे हैं जहां महीनों से मरीजों के इलाज में काम आने वाले उपकरण पड़े हुए हैं. उन्हें चलाने वाला कोई नहीं है. बिहार के सुपौल जिला के सदर अस्पताल की भी कुछ ऐसी ही हालत है, जहां पिछले कई महीनों से जीवन रक्षक उपकरण धूल फांक रहे हैं. इस ख़बर को एबीपी न्यूज ने प्राथमिकता से चलाया था.
खबर चलने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हरकत में आए और मशीनों के इंस्टॉलेशन और कार्यान्वयन का जिम्मा उठाया. शुक्रवार को जिला समहारणालय द्वारा जारी पत्र में बताया गया कि राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार, पटना के कार्यपालक निदेशक की ओर से दिए गए निर्देश के आलोक में सदर अस्पताल, सुपौल में आईसीयू की स्थापना कर वेंटिलेटरों को क्रियाशील करने और कोरोना काल में चिकित्सा सुविधा को नियंत्रित करने के लिए 30 जून, 2021 तक एमडी (एनेस्थीसिया) योग्यता के दो विशेषज्ञ चिकित्सक, जो बिहार मेडिकल काउंसिल, पटना से बंधित हों के लिए आवेदन आमंत्रित किया है.
स्वास्थ्य विभाग की ओर से ऐसे चिकित्सकों को एक लाख रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा. वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने बीस हजार रुपये प्रति माह पर चार आईसीयू टेक्नीशियन के लिए भी आवेदन मांगा है. साथ ही डिप्लोमा और ग्रेज्यूट इन मेडिकल लैबोरेटरी टेक्नीशियन के चार प्रयोगशाला प्रावैधिकी रखने की बात कही है, जिनका मानदेय प्रति महीने 12 हज़ार रुपये होगा.
इच्छुक व्यक्ति अपना आवेदन पत्र 3 मई, 2021 की शाम 5:00 बजे तक जिला स्वास्थ्य समिति के कार्यालय में हाथों-हाथ जमा कर प्राप्ति रसीद प्राप्त कर सकेंगे. 4 मई, 2021 को सभी आवेदक/आवेदिका जिनके द्वारा आवेदन पत्र जिला स्वास्थ्य समिति सुपौल के कार्यालय में जमा किया जाएगा, उनका काउन्सलिंग अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, सुपौल, जिला संचारी रोग पदाधिकारी, सुपौल और जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी की त्रिस्तरीय कमिटी द्वारा सुबह 11:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, सुपौल के कार्यालय में किया जाएगा. आवेदक/आवेदिका उसी दिन सीधे काउन्सलिंग में भी भाग ले सकते हैं, लेकिन प्राथमिकता उन्हें दी जाएगी, जिनका आवेदन पूर्व में प्राप्त होगा.
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