पटना: बिहार में कोरोना की दूसरी लहर का कहर जारी है. रोजाना हज़ारों नए मामले सामने आ रहे हैं. राजधानी पटना की स्थिति सबसे बदतर है. यहां रोजाना मिल रहे नए मामलों ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है. इसके बावजूद स्वास्थ्यकर्मी सतर्कता नहीं बरत रहे. स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही ने संक्रमण के प्रसार के खतरे को और बढ़ा दिया है.
एनएमसीएच में स्वास्थ्यकर्मी बरत रहे लापरवाही
ताजा मामला पटना के कोविड डेडिकेटेड अस्पताल एनएमसीएच की है, जहां स्वास्थ्यकर्मी पीपीई किट्स और कोरोना मरीजों के लिए इस्तेमाल किए गए मेडिकल वेस्ट को खुले में फेंक रहे हैं. वहीं, अस्पताल कर्मचारियों की ओर से अस्पताल परिसर में ही पीपीई कीट, ग्लब्स और अन्य सामानों को जलाया जा रहा है, जिससे संक्रमण फैलने का डर बना हुआ है.
अस्पताल अधीक्षक ने कही ये बात
वहीं, इस पूरे मामले में जब अस्पताल अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अस्पताल में इस्तेमाल किए गए पीपीई किट, ग्लब्स समेत अन्य मेडिकल वेस्ट को बड़े थैले में पैक कर रखा जाता है. उसके बाद पटना के आईजीआईएमएस अस्पताल से वाहन कचरा लेने आता है और उसे ले जाकर डिस्ट्रॉय किया जाता है.
उन्होंने कहा, " अगर अस्पताल के किसी कर्मचारी ने पीपीई किट, ग्लब्स या अन्य मेडिकल वेस्ट में आग लगाया है तो उस पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी. बहरहाल, ऐसी लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई किए जाने का अस्पताल अधीक्षक की ओर से आश्वासन तो दिया गया है. लेकिन कार्रवाई होती है या नहीं ये समय बताएगा. लेकिन फिलहाल अस्पताल कर्मी ही संक्रमण फैलाने का काम कर हैं, जिससे कोरोना विस्फोट होने का डर बना हुआ है.
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