पार्टी संग पिता की दोस्ती को आगे बढ़ाने में जुटे तेजस्वी
पिता की पुरानी दोस्ती को एक बार फिर जोड़ने में सफल रहे तेजस्वी यादव. राजद से 2005 से अलग रहे वामदल पन्द्रह साल बाद एक बार फिर साथ हुए राजद के
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पटना:राजद और वामदलों की दोस्ती कोई नई नही है.ये दोस्ती जनता दल के उस दौर की है जब जनता दल की सरकार और लालू प्रसाद यादव को बाहर से समर्थन दे वामदलों ने आगे बढ़ाया.यानि पिता की पुरानी दोस्ती को एक बार फिर जोड़ने में सफल रहे तेजस्वी यादव.2005 से राजद से अलग रहे वामदल पन्द्रह साल बाद एक बार फिर साथ हुए राजद के और पिता लालू की इस दोस्ती को मजबूती देने में कोई कसर नही छोडी महागठबंधन के मुख्यमंत्री के दावेदार तेजस्वी प्रसाद यादव ने.
लालू और वामदलों का साथ
सन 1990 का वो दौर था जब जनता दल की सरकार बनी थी और लालू प्रसाद यादव मुख्यमंत्री बने थे.तब लालू की सरकार जनता दल को वामदलों ने बाहर से समर्थन दिया था और सरकार बनाने में मदद की थी.फिर सन 1991 में जब लालू सरकार से भाजपा ने अपना समर्थन वापस लिया और जनता दल पर संकट आई तो वामदलों ने अपना समर्थन देकर बचाया और फिर लालू प्रसाद की तत्कालिन पार्टी जनता दल के साथ वामदल लोकसभा चुनाव में आगे बढ़ी थी.उसके बाद 1995 के दौर में फिर से विधानसभा चुनाव में वामदल लालू प्रसाद यादव के साथ हीं रही. और लालू ने उस चुनाव में वामदलों को 55 सीटें दी थी.उस चुनाव में लालू प्रसाद की पार्टी को अकेले हीं बहुमत मिल गई थी लेकिन वामदलों ने भी कई सीटें जीती थीं और लगभग सीपीआई के 26 और सीपीएम के 6 प्रत्याशी विधायक चुने गए थे.उसके बाद 1997 में जनता दल से राजद अलग हो गई और सन 2000 में जब राजद चुनावी मैदान में उतरी तब भी वामदलों का साथ राजद को मिला.लेकिन उस चुनाव में राजद के साथ सीपीएम नही था.2005 के चुनाव में एक बार फिर सीपीआई और सीपीएम दोनो राजद के साथ थे.लेकिन अक्टूबर 2005 के चुनाव में वामदलों के साथ राजद की दोस्ती टूट गई.और इस बार विधानसभा 2020 में पिता की दोस्ती को एक बार फिर जोड़ा है तेजस्वी यादव ने अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या रंग लाती है ये दोस्ती.
गठबंधन की दोस्ती पर वामदलों की राय
भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल की माने तो भाजपा एक आपदा है जिसे हटाने के लिए सेक्यूलर दलों को हमेशा एक रहना पड़ेगा .देश को दूसरी आजादी दिलाने के लिए एकजुटता जरुरी थी इसलिए हम तमाम सेक्यूलर दल एकजुट हुए हैं और महागठबंधन उसका परिणाम है.
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