पटनाः बिहार की राजधानी पटना स्थित पीएमसीएच के डॉक्टरों ने 11 अप्रैल को बाढ़ से आए जिस चुन्नू को इलाज के बाद मृत घोषित कर दूसरे का शव परिजनों को सौंप कर लापरवाही दिखाई थी, उसी मामले में गुरुवार को एक नया एंगल सामने आया. बाढ़ के रहने वाले चुन्नू को ब्रेन हैमरेज की समस्या थी. इलाज के लिए पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था. बाद में उसे मृत घोषित कर दूसरे का शव दे दिया था. इधर, गुरुवार को चुन्नू की आरटीपीसीआर की रिपोर्ट आई, जिसमें वह पॉजिटिव पाया गया.


इस रिपोर्ट के आने के बाद अस्पताल प्रबंधन पर फिर से लापरवाही के आरोप लग रहे हैं. इस संबंध में पीएमसीएच के सुप्रिटेंडेंट से एबीपी की टीम ने बातचीत की. उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं कि जिस मरीज की रिपोर्ट पॉजिटव आए, उसे अस्पताल में भर्ती किया जाए. उसका ऑक्सीजन लेवल सही पाया गया होगा, तभी डिस्चार्ज किया गया होगा. डिस्चार्ज के समय अगर उसकी कंडीशन खराब होती तो उसे भर्ती किया जाता. 


परिजन लगा रहे लापरवाही बरतने का आरोप


गौरतलब है कि इलाज के लिए भर्ती शख्स को रैपिड एंटीजन टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट के साथ घर भेज दिया गया. डिस्चार्ज की प्रक्रिया के समय ही मैसेज आया कि आरटीपीसीआर में पॉजिटिव पाया गया है. इसी के तहत रिपोर्ट आने के बाद परिजनों ने भी अस्पताल के प्रबंधन पर लापरवाही करने का आरोप लगाया है. 


तीन सदस्यीय टीम कर रही मामले की जांच


हालांकि, गलत व्यक्ति का शव दिए जाने के मामले में तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है, जो जांच कर रही है. इस मामले में प्रथम दृष्टया एक कर्मी की गलती को देखते हुए उसे पहले ही टर्मिनेट किया जा चुका है. पीएमसीएच के सुप्रिटेंडेंट ने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद जो भी लोग दोषी होंगे, उन्हें चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी.


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