पटना: सूबे के सियासी गलियारों में लंबे समय से चल रहे कयासों पर आज आखिरकार विराम लग जाएगा. जेडीयू में आरएलएसपी के विलय की खबरों के बीच पार्टी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा जेडीयू की सदस्यता ग्रहण करेंगे. मिली जानकारी अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जेडीयू सुप्रीमो आरसीपी सिंह समेत जेडीयू के तमाम दिग्गजों के सामने कुशवाहा जेडीयू कार्यालय में दोपहर 2 बजे पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे. उनके जेडीयू में शामिल होने के साथ ही पार्टी का जेडीयू में विलय हो जाएगा.
दूसरी बार हो रही घर वापसी
बता दें कि जेडीयू की सदस्यता लेने से पहले कुशवाहा आरएलएसपी की आखिरी बैठक सम्पन्न करेंगे. दोपहर एक बजे आयोजित बैठक में कुशवाहा आधिकारिक तौर पर आरएलएसपी की जेडीयू में विलय की घोषणा करेंगे. बता दें कि ये पहली बार नहीं है, इससे पहले भी उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय समता पार्टी का जेडीयू में विलय हो चुका है.
दरसअल, साल 2000 में कुशवाहा ने अपनी चुनावी राजनीति की शुरुआत की थी. लेकिन, 2007 में उन्हें जनता दल (यूनाइटेड) से बर्खास्त कर दिया गया था. इसके बाद कुशवाहा ने फरवरी 2009 में राष्ट्रीय समता पार्टी की स्थापना की थी. लेकिन, नवंबर 2009 में पार्टी का जनता दल (यूनाइटेड) में विलय करा लिया गया था.
2013 में जेडीयू से दिया था इस्तीफा
हालांकि, 4 जनवरी 2013 को उपेंद्र कुशवाहा जो उस समय राज्यसभा सदस्य थे ने जनता दल (यूनाइटेड) से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश मॉडल विफल हो गया और कानून-व्यवस्था की स्थिति उतनी ही खराब होती जा रही है, जितनी 7 साल पहले थी. उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार अपनी सरकार को निरंकुश माध्यमों से चलाते हैं और उन्होंने जनता दल (युनाइटेड) को अपनी "जेब" में बदल दिया है.
जेडीयू से अलग होने के बाद कुशवाहा ने 3 मार्च, 2013 को राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की स्थापना की और पटना के गांधी मैदान में एक रैली में अपनी पार्टी के नाम और झंडे का अनावरण किया था. लेकिन अब राजनीतिक समीकरणों की वजह से फिर एक बार उनकी पार्टी जेडीयू में विलय के कगार पर है.
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