स्कूल निर्माण के लिए आवंटित राशि पचा कर रिटायर हो गए प्रिंसिपल, विभाग ने अब तक नहीं की कार्रवाई
छात्र अध्यक्ष शंकर ने बताया कि तत्कालीन प्रधानाध्यापक सुरेश मिश्र भवन अर्धनिर्मित छोड़कर 2014 में ही सेवानिवृत्त हो गए. लेकिन स्कूल का काम अब तक पूरा नहीं हुआ है. ना ही इस मामले में विभाग कोई कार्रवाई कर रही है.
![स्कूल निर्माण के लिए आवंटित राशि पचा कर रिटायर हो गए प्रिंसिपल, विभाग ने अब तक नहीं की कार्रवाई The principal has also retired after digesting the allotted amount for the construction of the school, the department has not taken action yet ann स्कूल निर्माण के लिए आवंटित राशि पचा कर रिटायर हो गए प्रिंसिपल, विभाग ने अब तक नहीं की कार्रवाई](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/12/16162624/Screenshot_2020-12-16-09-28-45-975_com.whatsapp_copy_720x540.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
सहरसा: बिहार के सहरसा जिले से चौंकाने वाला मामला प्रकाश में आया है. मामला स्कूल निर्माण के लिए आवंटित राशि से लाखों रुपयों के गबन का है. दरअसल, जिले के सत्तरकटैया प्रखंड के बरहशेर पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय कुम्हराघाट के भवन निर्माण के लिए वित्तीय वर्ष 2010-11 में सर्व शिक्षा अभियान द्वारा टू प्लस टू एसीआर निर्माण हेतु दो किस्तों में विद्यालय शिक्षा समिति के खाते में कुल 22 लाख रुपया दिया गया था.
इस संबंध में छात्र जिला अध्यक्ष शंकर कुमार ने बताया कि भवन निर्माण का कार्य तत्कालीन कनीय अभियंता और तत्कालीन प्रधानाध्यापक सुरेश मिश्र द्वारा प्रारंभ किया गया. जहां टू एसीआर नीचे तल पर बनाया गया, लेकिन प्लास्टर, फर्श, रंग रोहन का कार्य अभी भी अधूरा ही है. वहीं, ऊपर तल पर टू एसीआर निर्माण किया जाना था परंतु सिर्फ सीढ़ी का निर्माण कर छोड़ दिया गया.
वहीं, इस पूरे कार्य में तत्कालीन कनीय अभियंता और प्रधानाध्यापक की मिली भगत से सर्व शिक्षा अभियान से प्राप्त कुल 22 लाख रुपये की निकासी विद्यालय शिक्षा समिति के खाते से कर ली गई है. जबकि अब तक काम नहीं पूरा किया गया है. ऐसे में अर्ध निर्मित भवन के छत से बारिश के समय में पानी टपकता है. स्कूल में एक कमरा में मध्यान भोजन बनाया जाता है. एक कमरा और बरामदे पर वर्ग 1 से 8 तक के लगभग 500 बच्चों को बैठाया जाता है. कमरे के अभाव में बच्चों को वर्गवार अलग-अलग नहीं बैठाया जाता है, जिससे बच्चों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
छात्र अध्यक्ष शंकर ने बताया कि तत्कालीन प्रधानाध्यापक सुरेश मिश्र भवन अर्धनिर्मित छोड़कर 2014 में ही सेवानिवृत्त हो गए. इतना ही नहीं विद्यालय में शौचालय जर्जर अवस्था में है. हैंडपंप, किचन सेड तक उपलब्ध नहीं है. विद्यालय में बाउंड्री भी नहीं है, जिससे गाय, भैंस और अन्य पशु के आने जाने से बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
छात्र जिलाध्यक्ष शंकर कुमार ने कहा कि इस संबंध में कई बार धरना प्रदर्शन और अनशन के बावजूद भी शिक्षा विभाग की नींद अब तक नहीं खुली है. उक्त मामले को लेकर कई बार आवेदन दिया जा चुका है लेकिन आवेदन देने के बाद कार्रवाई नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि 10 साल हो जाने के बाद वो हताश हो गए हैं. ऐसे में अगर एक सप्ताह के अंदर भवन निर्माण का कार्य शुरू नहीं हुआ तो अनिश्चितकालीन धरना जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में ही दी जाएगी.
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