डेस्क: कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर लागू लॉकडाउन की वजह से इस वर्ष मोहर्रम पर ताजिया के साथ किसी भी प्रकार का जुलूस नहीं निकलेगा. आदेश का उल्लंघन करने वाले लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इस संबंध में रोहतास एसपी सत्यवीर सिंह ने बताया कि सरकार, बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड और मरकजी मोहर्रम कमेटी सासाराम ने भी मोहर्रम पर किसी प्रकार के ताजिया जुलूस नहीं निकालने का निर्देश दिया है.
उन्होंने कहा कि जिले के सभी थानों में आयोजित शांति समिति की बैठक में कोरोना संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए मोहर्रम के मौके पर जुलूस नहीं निकालने पर सभी ने सहमति जताई है. जिले में सुरक्षा को ले व्यापक प्रबंध किए गए हैं. सुरक्षा को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर भी पैनी नजर रखने को कहा गया है. एसपी ने कहा कि पहले से चिह्नित संवेदनशील स्थानों पर विशेष चौकसी बरतने को कहा गया है.
इधर, छपरा डीएम सुब्रत कुमार सेन की अध्यक्षता में मशरक थाना परिसर में विभन्न थानाध्यक्षों के साथ बैठक हुई. बैठक में डीएम ने कहा कि कोरोना महामारी को लेकर राज्य सरकार की ओर से 6 सितम्बर तक के लिए अनलॉक-3 को विस्तारित किया गया है. इस अवधि में सभी धार्मिक स्थलों को आमलोगों के लिए बंद रखा गया है और किसी भी तरह के धार्मिक जमावड़े को प्रतिबंधित किया गया है. डीएम ने कहा है कि सरकार के स्पष्ट गाइडलाईन के बावजूद भी धार्मिक अवसरों या पर्व-त्योहार के अवसर पर लोगों का छिटपुट जमावड़ा देखा जा रहा है जो कोरोना संकट के समय में मानव जीवन के लिए खतरनाक है.
डीएम ने स्पष्ट कर दिया है कि धार्मिक अवसरों पर लोगों का सार्वजनिक स्थलों या धार्मिक स्थलों पर इकट्ठा होना प्रतिबंधित है. इस वर्ष मुहर्रम का पर्व 30 अगस्त को मनाए जाने की संभावना है. डीएम ने स्पष्ट कहा कि मुहर्रम के अवसर पर अलम, ताजिया, सिपर अथवा आखाड़े का कोई जुलूस नहीं निकाला जाएगा. शस्त्र प्रदर्शन भी नहीं होगा और लाउडस्पीकर और डीजे का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा. किसी भी सार्वजनिक स्थल पर ताजिया नही रखा जायेगा और अखाड़े का आयोजन भी नहीं किया जाएगा.
इनपुट- रंजन सिंह राजपूत, आशुतोष नाथ