भागलपुर: बिहार में जूनियर डॉक्टरों का हड़ताल छठे दिन भी जारी रहा. जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल का राज्य की चिकित्सा व्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से बिहार के सभी 9 मेडिकल कॉलेज प्रभावित हैं, जहां ओपीडी और इमरजेंसी सेवा पर इसका प्रतिकूल असर देखने को मिल रहा है. मालूम हो कि जूनियर डॉक्टर स्टाइपेंड में बढ़ोतरी की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं.
बता दें कि बिहार में सरकारी अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्था मूल रूप से जूनियर डॉक्टरों पर ही आश्रित होती है. ऐसे में मरीजों की मुश्किलें और बढ़ने का आशंका जताई जा रही है. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण पूर्वी बिहार के सबसे बड़े भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के लिए भागलपुर, नवगछिया, बांका, मुंगेर, खगड़िया सहित पड़ोसी राज्य झारखंड के कई जिलों से पहुंचने वाले मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की मानें तो 2017 में ही राज्य सरकार ने हड़ताल के बाद भरोसा दिया था कि हर 3 साल पर स्टाइपेंड की राशि में बढ़ोतरी होगी. लेकिन 2020 खत्म होने को है और अब तक स्टाइपेंड की राशि नहीं बढ़ाई गई, जिसके बाद सभी हड़ताल पर चले गए हैं. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन को रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी समर्थन दिया है और मांगों को जायज बताया है.
हड़ताल की जानकारी डॉक्टरों ने अस्पताल के प्राचार्य के साथ स्वास्थ्य विभाग को भी पत्र लिखकर दे दी है. हड़ताल की वजह से मरीजों की मुश्किलें अब काफी बढ़नेवाली है क्योंकि कोरोना काल मे सामान्य और इमरजेंसी मरीजों का इलाज मेडिकल कॉलेजों में प्रभावित होगा ऐसे सरकार की भी चुनौतियां बढ़ गई है, वह भागलपुर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर सुधीर कुमार ने मांगे पूरी नहीं होने तक दुनिया डॉक्टरों का हड़ताल जारी रखने की बात कही है.
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