पटनाः देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind ) तीन दिवसीय दौरे पर पटना में हैं. आज शुक्रवार को उनका तीसरा दिन है. आज राष्ट्रपति सुबह पटना घूमने के लिए निकलेंगे. सुबह 9 बजे वह बुद्ध स्मृति पार्क पहुंचेंगे, इस दौरान आम लोगों के लिए पार्क बंद रहेगा. वे पटना के महावीर मंदिर और पटना सिटी स्थित गुरुद्वारा भी जाएंगे. इसके बाद वे 11 बजे पटना से दिल्ली के लिए रवाना होंगे.
पटना एयरपोर्ट पर विमानों का परिचालन रहेगा प्रभावित
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद वायु सेना के विशेष विमान से बुधवार को पटना आए थे. पटना के अलग-अलग इलाकों में उनका कार्यक्रम हो रहा है. पटना यात्रा को लेकर तमाम सुरक्षा इंतजाम पूरे किए गए हैं. राष्ट्रपति के पटना से उड़ान भरने पर सुरक्षा कारणों से पटना एयरपोर्ट पर थोड़ी देर के लिए विमानों का परिचालन प्रभावित रहेगा.
दरअसल, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह कार्यक्रम पर पटना पहुंचे हैं. इस मौके पर गुरुवार को उन्होंने बिहार विधानसभा परिसर में बोधि वृक्ष का पौधा लगाया और शताब्दी स्मृति स्तंभ का भी शिलान्यास किया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बिहार विधानसभा में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुझे बिहारी बोलकर संबोधित कर रहे थे तो मैं गदगद महसूस कर रहा था. मैं बिहार आता हूं तो लगता है कि मैं अपने घर में आया हूं. कई बार लोग कहते हैं कि बिहार से निमंत्रण आता है तो मैं टालमटोल क्यों नहीं करता हूं. तो मैं यही कहता हूं कि मेरा बिहार के राज्यपाल होने से ही नाता नहीं रहा है बल्कि कई और भी योगदान रहा है."
रामनाथ कोविंद ने कहा, “मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का धन्यवाद देता हूं. बिहार हमेशा इतिहास रचता है. आज हमने 100 साल का इतिहास रचा है. आज एक और इतिहास रचा गया है कि आज ही हमने 100 करोड़ के वैक्सीनेशन को पार कर लिया. मैं बिहार आता हूं तो सुखद अनुभूति होती है.”
‘छठ-पूजा अब एक ग्लोबल फेस्टिवल बन चुका’
रामनाथ कोविंद ने आगे कहा कि विगत चार सालों में स्टेट की जीडीपी में प्रभावशाली बढ़ोतरी हुई है. इस दौरान मुख्यमंत्री के लंबे समय के कार्यकाल के बारे में भी उन्होंने जिक्र किया. उन्होंने कहा कि वह जब राज्यपाल थे तब भी उन्हें नीतीश कुमार का साथ मिला था. रामनाथ कोविंद ने कहा कि कुछ ही दिनों में दिवाली और छठ है. छठ-पूजा अब एक ग्लोबल फेस्टिवल बन चुका है. नवादा से न्यू-जर्सी तक और बेगूसराय से बोस्टन तक छठी मैया की पूजा बड़े पैमाने पर की जाती है. यह इस बात का प्रमाण है कि बिहार की संस्कृति से जुड़े उद्यमी लोगों ने विश्व-स्तर पर अपना स्थान बनाया है.
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