पटना: राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने बोधगया बम धमाका मामले में शुक्रवार को तीन दोषियों को आजीवन कारावास और पांच अन्य को दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है. यहां स्थित एनआईए की विशेष अदालत के न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मेहरोत्रा ने जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आठ आतंकवादियों को आज सजा सुनाई. इन आतंकवादियों को पिछले 10 दिसंबर को दोषी ठहराया गया था.
इन्हें सुनाई उम्रकैद की सजा
एनआईए के वकील ललन प्रसाद सिंह और लोक अभियोजक प्रमोद कुमार के मुताबिक, तीन दोषियों- अहमद अली, पैगम्बर शेख और नूर आलम को आजीवन कारावास और पांच अन्य दोषियों- आदिल शेख, दिलावर हुसैन, अब्दुल करीम, मुस्तफीजुर रहमान और आरिफ हुसैन को दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई है.
दलाई लामा के जाने बाद हुआ था धमाका
इस मामले के आठ दोषियों ने 19 जनवरी, 2018 को बौद्ध तीर्थ स्थल बोधगया में तिब्बती बौद्ध धर्मगुरू दलाई लामा के धर्मोपदेश देने के बाद मौके से चले जाने के कुछ घंटों बाद हुए एक बम विस्फोट में अपनी संलिप्तता स्वीकार की थी. इस मामले के एक अन्य आरोपी मोहम्मद जाहिदुल इस्लाम ने अपनी संलिप्तता स्वीकार नहीं की है, जिसके मामले की सुनवाई अलग से की जाएगी.
बता दें कि विशेष कोर्ट ने इन सभी आठों अभियुक्तों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 121, 121 ए, 122, 123 व 471 भादवि, 16,18, 20 यूएपी एक्ट और 4-5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत दोषी पाते हुए सजा का एलान किया है.
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