पटना: राजधानी पटना में बुधवार को अपर पुलिस महानिदेशक, यातायात सुधांशु कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य के 12 जिलों में यातायात बल स्वीकृत है एवं शेष 28 जिलों में बल स्वीकृति का प्रस्ताव अंतिम चरण में है. यातायात बल पदाधिकारियों एवं कर्मियों की गुणवत्ता एवं प्रभावोत्पादकता में वृद्धि के लिए एक योजना (Bihar Traffic News) तैयार की गई है. राज्य के यातायात पुलिस बल में अब 35 वर्ष से अधिक के सिपाही नहीं रहेंगे. ट्रैफिक पुलिस के हर वर्ग के लिए उम्र सीमा तय कर दी गई है. सिपाहियों के लिए अधिकतम 35 वर्ष, अवर निरीक्षक के लिए 40 वर्ष और इंस्पेक्टर के लिए 50 वर्ष की समय सीमा तय की गई है. इससे अधिक उम्र के पुलिसकर्मियों या पदाधिकारियों को ट्रैफिक में तैनात नहीं किया जाएगा. इसके अलावा ट्रैफिक पुलिस में एक तिहाई महिला बल की तैनाती की जाएगी.


'तीन वर्षों के लिए यातायात कार्यों के लिए लगाया जाएगा'


सुधांशु कुमार ने बताया कि यातायात बल में कर्मियों, पदाधिकारियों का कार्यकाल तीन वर्ष निर्धारित किया गया है. प्रशिक्षण के बाद न्यूनतम तीन वर्षों के लिए उन्हें यातायात कार्यों के लिए लगाया जाएगा और अन्य ड्यूटी के लिए स्थानांतरित नहीं किया जा सकेगा. एक जिले में पदस्थापना के दौरान वे अधिकतम तीन वर्षो के लिए यातायात ड्यूटी में रहेंगे. इसके अलावा यातायात बल के स्वीकृत / उपलब्ध पदों में एक तिहाई महिला बल होना अनिवार्य है. वहीं, जिले में कुल स्वीकृत बल का 70 प्रतिशत नियमित डीएपी से भरा जाना है, शेष 30 प्रतिशत रिक्तियां नौजवान, गृहरक्षकों से भरे जाने की प्रक्रिया जारी है.


दिए जाएंगे ट्रेनिंग- अपर पुलिस महानिदेशक, यातायात


यातायात के अपर पुलिस महानिदेशक ने आगे बाताया कि यातायात हेतु चुने गए बल की प्रशिक्षण की व्यवस्था एक पखवारे की अवधि के लिए चालक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, औरंगाबाद में परिवहन विभाग की सहायता से की गई है. अब तक इन 12 जिलों के करीब 500 कर्मी, पदाधिकारी को प्रशिक्षित किया जा चुका है. इस वर्ष के अन्त तक बाकी बचे कर्मियों, पदाधिकारियों को भी प्रशिक्षित करा लिया जाएगा. इन 12 जिलों में 15 नौजवान पुलिस उपाधीक्षकों की पदस्थापना की गई है और इन्हें बिहार पुलिस अकादमी, राजगीर में पांच दिवसीय प्रशिक्षण देने के बाद हैदराबाद शहर की यातायात व्यवस्था को समझने के लिए परिचयात्मक दौरे पर भी भेजा गया है.


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