(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bihar News: रेलवे की बड़ी लापरवाही! बिहटा-औरंगाबाद ट्रेन परियोजना को लेकर आंदोलन कर रहे लोगों के बीच गुजरी ट्रेन
Bihta-Aurangabad Rail Project: रेलवे प्रशासन की बड़ी चूक सामने आई है. बिहटा रेलवे स्टेशन पर आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों के बीच से पटना छत्रपति शिवाजी टर्मिनस एक्सप्रेस ट्रेन गुजर गई.
पटना: राजधानी पटना से सटे दानापुर रेल मंडल के बिहटा रेलवे स्टेशन पर चल रहे बिहटा औरंगाबाद रेल परियोजना (Bihta-Aurangabad Train Project) को लेकर आंदोलन के बीच रेलवे प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जहां रेलवे ट्रैक पर बैठे आंदोलनकारी के ऊपर से अपलाइन पर एक्सप्रेस ट्रेन को गुजर गई. हालांकि, इस घटना में किसी की जान नहीं गई, लेकिन रेलवे प्रशासन की बड़ी चूक सामने आई है. इसके बाद पटना-दिल्ली रेल रूट जाम हो गया है. वहीं, इस लापरवाही को लेकर अब आंदोलनकारी स्टेशन मास्टर सहित रेलवे प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
ट्रेन आने के बाद भगदड़ जैसी स्थिति हो गई
बता दें कि बिहटा-औरंगाबाद रेल परियोजना संघर्ष समिति के बैनर तले दानापुर रेल मंडल के बिहटा रेलवे स्टेशन पर पैदल मार्च करते हुए आंदोलनकारी पहुंचे थे और पटना-दिल्ली अप मेन लाइन को जाम किया था. हालांकि इसकी जानकारी आंदोलनकारी ने रेलवे प्रशासन और रेलवे विभाग को पहले ही दे दी थी. इस दौरान रेलवे ट्रैक पर लेटे आंदोलनकारी चंदन वर्मा और राजेंद्र यादव के अलावा काफी संख्या में लोग मौजूद थे तभी ट्रेन नंबर 82355 पटना छत्रपति शिवाजी टर्मिनस एक्सप्रेस अचानक अप मेन लाइन से गुजरी. अचानक ट्रेन आने के बाद भगदड़ जैसी स्थिति हो गई. जैसे-तैसे लोगों ने अपनी जान बचाई, लेकिन चंदन वर्मा रेलवे ट्रैक के नीचे फंस गए.
'परियोजना को लेकर आंदोलन कर रहे हैं'
वहीं, आंदोलनकारी चंदन वर्मा ने बताया कि बिहटा-औरंगाबाद रेल परियोजना जो बीते 2007 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव ने शिलान्यास पालीगंज में किया था, लेकिन कई वर्ष बीत जाने के बाद भी इस परियोजना की शुरुआत अभी तक नहीं हो पाई है. इसके बाद हम सभी लोग लगातार इस परियोजना को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. आज बिहटा रेलवे स्टेशन पर हम लोगों ने आंदोलन शुरू किया. इसकी जानकारी रेलवे प्रशासन और रेलवे विभाग को पहले ही दी जा चुकी थी, लेकिन रेलवे प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई. जब हम सभी लोग रेलवे ट्रैक पर बैठे हुए थे तभी एक्सप्रेस ट्रेन हमारे ऊपर से गुजरी है. भगवान का शुक्रिया करता हूं कि मेरी जान नहीं गई, लेकिन रेलवे प्रशासन पूरी तरह से तानाशाही हो चुकी है.
हम सभी लोगों को आश्वासन ही मिलते रहा है- आंदोलनकारी
वहीं, दूसरी ओर बिहटा औरंगाबाद रेल परियोजना संघर्ष समिति के सदस्य राजेंद्र यादव ने बताया कि डिजिटल औरंगाबाद रेल परियोजना पिछले कई वर्षों से लटका हुआ है. सरकार कितनी आई और गई, लेकिन केवल हम सभी लोगों को आश्वासन ही मिलते रहा है. अब आंदोलन को उग्र किया जा रहा है.
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