पटना: हिट एंड रन (Hit and Run) पर केंद्र सरकार के परिवहन विभाग ने बड़ा निर्णय लिया और उसके लिए नए कानून बनाए गए हैं. जिसमें वाहन चालकों को 10 साल की सजा और 700000 जुर्माना देने पड़ सकते हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की स्वीकृति मिलने के बाद यह भारतीय न्याय संहिता अब कानून बन चुका है. आने वाले समय में इसके नए प्रावधान आईपीसी धारा के पुराने कानूनों की जगह ले लेगा, लेकिन इसके एक प्रावधान को लेकर अभी से विरोध शुरू हो गया है. देश के सभी राज्यों सहित बिहार में भी इस नए कानून का विरोध (Truck Driver Strike News) हो रहा है. एक जनवरी से बिहार में ट्रक-बस सहित सभी वाहन चालक हड़ताल पर आ गए हैं. राजधानी पटना में भी इसका असर देखा जा रहा है. पटना के मौजीपुर इलाके में सुबह से ही ट्रक-ट्रैक्टर और बस चालक सड़कों पर आगजनी कर सड़क को पूरी तरह जाम कर दिया है. 


किसी को वहां को आने-जाने नहीं दिया जा रहा है. वाहन चालक का सीधे तौर पर कहना है कि केंद्र सरकार को यह कानून वापस लेना होगा. वाहन चालक मूल रूप से हिट एंड रन पर बना नया कानून का विरोध कर रहे हैं.


नया नियम का विरोध


दरअसल, नया नियम के अनुसार अगर सड़क दुर्घटना के बाद गाड़ी चालक पुलिस को टक्कर की सूचना दिए बिना मौके से फरार होता है तो उसे 10 साल की जेल और जुर्माना देना पड़ेगा. हालांकि नए कानून में ड्राइवरों को कुछ मामलों में राहत भी मिलेगी. गाड़ी से अगर टकराने वाला शख्स गलत तरीके से सड़क को पार करता है या गाड़ी के सामने आ जाता है तो ड्राइवर को अधिकतम पांच साल की सजा और जुर्माना भरना पड़ेगा, लेकिन अगर टक्कर गलत ढंग से गाड़ी चलाने की वजह से होती है तो ड्राइवर को 10 साल जेल की सजा काटनी होगी. इसका विरोध बिहार सहित कई राज्यों में ट्रक, बस सहित कई वाहन चालक कर रहे हैं.


हंगामा कर रहे चालकों ने कही ये बात


सरकारी आंकड़े बताते हैं कि हिट एंड रन के मामलों में हर साल पूरे देश में 50 हजार के करीब लोग जान गंवाते हैं. नए कानून का विरोध करने वाले वाहन चालकों ने बताया कि टक्कर के बाद अगर वे भागते हैं तो उन्हें नए कानून के तहत सख्त सजा मिलेगी और अगर वे रुकते हैं तो मौके पर मौजूद भीड़ उन पर हमला कर सकती है. अक्सर सड़क दुर्घटना के मामले में मौके पर मौजूद भीड़ उग्र हो जाती है और गाड़ी चालक पर हमला कर देती है. कई बार यह हिंसक भीड़ मॉब लिंचिंग का रूप ले लेती है. 


पहले दो साल की सजा थी


बता दें कि गाड़ी की टक्कर के बाद ड्राइवर मौके से फरार हो जाता है, उन मामलों को 'हिट एंड रन' केस माना जाता है. हिट एंड रन के मामलों में कई बार घायल शख्स को अगर समय रहते अस्पताल पहुंचाया जाए या प्राथमिक इलाज मिले पर बचाया भी जा सकता है. पुराने कानून के मुताबिक हिट एंड रन केस में दो साल की सजा का प्रावधान था और जमानत भी मिल जाती थी.


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