Turtle Smuggling: गोपालगंज में दुर्लभ प्रजाति के 500 कछुए बरामद, तीन तस्कर गिरफ्तार, कई शहरों में करनी थी सप्लाई
Bihar News: मामला नगर थाना का है. गोपालगंज पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने इस क्षेत्र से तीन कछुआ तस्कर को गिरफ्तार किया है. पुलिस इस मामले में पूछताछ में जुट गई है.
गोपालगंज: जिले के नगर थाने की पुलिस ने रविवार की सुबह दुर्लभ प्रजाति के 500 कछुए बरामद (Turtle Smuggling) की है. साथ ही तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए तस्करों से पुलिस पूछताछ कर रही है. कछुए को पटना, मुजफ्फरपुर समेत अन्य बड़े शहरों में सप्लाई करनी थी. पुलिस की पूछताछ में तस्करों ने बताया कि यूपी के तमकुही से कछुए की तस्करी कर ला रहे थे, तभी नगर थाने की पुलिस और एंटी लीकर टास्क फोर्स (एलटीएफ) ने बंजारी मोड़ के पास छापेमारी कर तीनों तस्करों को गिरफ्तार कर लिया.
500 की संख्या में कछुए बरामद किए गए- एसपी
एसपी स्वर्ण प्रभात ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि तीन कछुए तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, इनके पास से 500 की संख्या में छोटे-छोटे कछुए बरामद किए गये हैं. बैग और प्लास्टिक के बोरे में भरकर कछुए की तस्करी कर लाई जा रही थी. नगर थाने की पुलिस तीनों तस्करों से पूछताछ कर रही है. वहीं, मामले की जांच और आगे की कार्रवाई के लिए पुलिस ने वन विभाग के अधिकारियों को बुलाई है. पुलिस वन विभाग को सभी कछुए सौंप देगी.
गोपालगंज के रहने वाले हैं तीनों कछुआ तस्कर
पुलिस ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार किए गए कछुआ तस्करों के बारे में जानकारी दी. गिरफ्तार तस्करों की पहचान नगर थाने के सरेया वार्ड-13 महिंद्रा बैंक के पास निवासी रविरंजन सिंह के पुत्र राहुल रंजन, तकिया बनकट गांव निवासी इजहार आलम के पुत्र लक्की अरमानी, मांझा थाने के दुलदुलिया टोला निवासी मंसूर आलम के पुत्र इरशाद आलम के रूप में की गई है. इन सभी तस्करों के अपराधिक इतिहास को पुलिस खंगाल रही है.
वन विभाग सभी कछुए को लेकर नदी में छोड़ेगी
तस्करों के पास से बरामद किए गए सभी कछुए को वन विभाग अपने अंडर में लेगी और इसे कोर्ट के आदेश पर गंडक नदी में छोड़ेगी. पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जायेगी. मजिस्ट्रेट की निगरानी में पूरी प्रक्रिया होगी. गोपालगंज में इससे पहले भी तस्करी को जा रहे कछुए बरामद किए जा चुके हैं. पिछले एक साल में एक हजार से ज्यादा कछुए को पुलिस बरामद कर चुकी है.
वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत होगी कार्रवाई
पुलिस की ओर से कछुए को बरामद करने के मामले में वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1979 की अनुसूची एक के तहत प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है. ये कछुए वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत संरक्षित जीव हैं. वहीं, वन विभाग की माने तो संरक्षित प्रजाति के कछुओं की तस्करी करने के मामले में पुलिस के साथ-साथ वन विभाग द्वारा भी केस दर्ज कर आवश्यक विधिक कार्रवाई कराई जा रही है. बरामद किए गए कछुए दुर्लभ प्रजाति के सॉफ्टशैल टर्टल या फ्लैप शैल टर्टल कहलाते हैं. शिकारी नदियों, झील, पोखरों तालाबों से पकड़ कर मांस के लिए तस्करी करते हैं.