(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
जहानाबाद के दो कैंडिडेट्स ने यूपीएससी की परीक्षा में मारी बाजी, बिहार का नाम किया रौशन
जहानाबाद की डॉक्टर हर्षा प्रियंवदा और विनीत कुमार ने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल कर जिले का ही नहीं बल्कि पूरे बिहार का नाम रौशन किया है.
जहानाबाद: यूपीएससी की परीक्षा का परिणाम घोषित हो चुका है. इस बार भी बिहार के छात्र- छात्राओं का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है. जहानाबाद के दो प्रतिभावान बच्चों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. जिले की डॉ. हर्षा प्रियवंदा ने 165वां और विनीत कुमार ने 442वां रैंक हासिल कर बिहार का गौरव बढ़ाया है.
जिले के सबसे बड़े कपड़ा व्यवसायी और स्थानीय लक्ष्मी फैशन शॉप के मालिक डॉ.धर्मेन्द्र कुमार और डॉ.रेखा नायक की बेटी डॉ. हर्षा प्रियंवदा ने परीक्षा में 165वां रैंक लाकर परिजनों का नाम रौशन किया है. इस संबंध में हर्षा के चाचा दिलीप कुमार ने बताया कि उनकी भतीजी वर्तमान में एमबीबीएस डॉक्टर है. वह शुरू से ही काफी प्रतिभाशाली रही है. यूपीएससी में हर्षा की सफलता से अपने आप गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ.
बता दें कि डॉक्टर हर्षा प्रियंवदा की प्राथमिक शिक्षा सरस्वती विद्या मंदिर बोकारो से हुई है. दसवीं की परीक्षा उन्होंने कारमेल स्कूल धनबाद और बारहवीं की परीक्षा डीपीएस बोकारो से पास की है. जबकि 2018 बैच में उसने एमबीबीएस की परीक्षा पास की है. इसके बाद पहले ही अटेम्प्ट में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 165वां रैंक लाकर मिसाल कायम किया है.
इधर, जिले गंधार गांव निवासी मधेश्वर शर्मा के बेटे विनीत कुमार ने यूपीएससी की परीक्षा में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है. यूपीएससी की परीक्षा में विनीत कुमार ने 442वां रैंक हासिल किया है. विनीत कुमार ने तीसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की है. विनीत के परिजनों ने बताया कि वह शुरू से मेधावी छात्र रहा है.
बता दें कि विनीत ने सैनिक स्कूल तिलैया से 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास की थी. उसके बाद उन्होंने आईआईटी दिल्ली से बीटेक में डिग्री हासिल की है. बीटेक करने के बाद वह यूपीएससी की तैयारी में जुट गए और तीसरी बार में सफलता हासिल की. उनकी इस सफलता के बाद बधाई देने वालों का तांता लगा है.
ग्रामीणों कहना है कि विनीत ने अपनी सफलता से पूरे जिले का नाम रौशन किया है. वहीं, विनीत ने कहा कि वे स्कूली जीवन से ही यूपीएससी पास कर देश के विकास में बड़ा योगदान देने के लक्ष्य पर काम कर रहे थे. सही दिशा में मेहनत आखिरकार रंग लाई और उनका चयन हो गया.