Bihar News: मुजफ्फरपुर में AES के लक्षण वाले दो बच्चे अस्पताल में भर्ती, अब तक लगभग 50 बच्चे हो चुके हैं पीड़ित
Muzaffarpur News: एसकेएमसीएच में दो बच्चों का सैंपल एईएस जांच के लिए लैब में भेजा गया है. वहीं, मुजफ्फरपुर में इस साल अन्य सालों की तुलना में एईएस के कम मामले आए हैं.
मुजफ्फरपुर: बिहार में लगातार बढ़ती गर्मी की वजह से इन दिनों लोग परेशान हैं. वहीं, एईएस (AES) के मामले में भी बढ़ रहे हैं. शनिवार को एईएस के आंकड़ों में दो बच्चों का और इजाफा हुआ है. जिले के बरुराज और बोचहा के एक-एक बच्चों में चमकी बुखार के लक्षण मिले हैं. दोनों बच्चों की एईएस पुष्टि के बाद अब तक कुल 47 बच्चे एईएस के चपेट में आ चुके हैं. हालांकि अन्य सालों की तुलना में इस साल मामले कम हैं. वहीं, एईएस को लेकर सिविल सर्जन (Civil Surgeon) डॉक्टर यूसी शर्मा कहा कि अगर समय पर बच्चे को अस्पताल लाया जाए तो उसकी जान बच जाती है. इस साल लगभग 50 बच्चे एईएस से पीड़ित हो चुके हैं.
पहले से पीड़ित बच्चे स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं
मामला एसकेएमसीएच के पीआइसीयू वार्ड का है. चमकी बुखार के लक्षण वाले दो बच्चों को भर्ती किया गया है. वहीं एईएस के पहले से पीड़ित बच्चे स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं. भर्ती हुए बच्चे जिले के बरूराज और बोचहा के बताए जा रहे हैं. दोनों बच्चे चमकी बुखार से पीड़ित होकर अस्पताल में भर्ती हुए हैं. जांच के लिए सैंपल को लैब भेज दिया गया है. रिपोर्ट आने के बाद ही एईएस की पुष्टि हो पाएगी.
समय से काफी पहले तैयारी शुरू कर दी थी- सिविल सर्जन
सिविल सर्जन यूसी शर्मा ने कहा कि हालांकि एईएस के मामले मुख्य रूप से मई के अंत से शुरू होते हैं, लेकिन जून में अत्यधिक गर्मी के कारण इस साल की शुरुआत में मामले सामने आ रहे हैं. मुजफ्फरपुर के अलावे अन्य जिलों से चमकी से पीड़ित बच्चे आ रहे हैं, जिसे लेकर सिविल सर्जन ने कहा कि सबसे अच्छी बात यह है कि बच्चे ठीक होकर घर जा रहे हैं. हमने समय से काफी पहले तैयारी शुरू कर दी थी और नतीजा यह हुआ कि इलाज और ठीक होने की दर दोनों अच्छी है. उन्होंने आगे कहा कि एक गहन सूचना, शिक्षा और संचार अभियान से इस साल बेहतर परिणाम मिले हैं. बीते 2020 के पहले की बात करें तो सैकड़ों बच्चे इस बीमारी की चपेट में आने के बाद उनकी मौत हो गई थी.
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