औरंगाबाद: नक्सल प्रभावित औरंगाबाद जिले में बिहार और झारखंड के दो हार्डकोर नक्सलियों (Naxalite) गोरा यादव और विधि विरुद्ध किशोर ने सोमवार को पुलिस प्रशासन के समक्ष आत्मसमर्पण (Aurangabad News) कर दिया. पुलिस अधीक्षक स्वप्ना जी मेश्राम ने बताया कि एक नागरिक और कोबरा बटालियन के दो जवानों की हत्या मामले में दोनों नक्सली संलिप्त थे. हार्डकोर नक्सलियों के विरुद्ध सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई और आत्मसमर्पण सह पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आज दोनों ने आत्मसमर्पण किया.


नक्सलियों से पूछताछ की जा रही है- पुलिस अधीक्षक 


स्वप्ना जी मेश्राम ने कहा कि दोनों हार्डकोर नक्सली औरंगाबाद जिला सहित आसपास के जिलों के दर्जनों कांडों में फरार चल रहे थे. इनके द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर कई जघन्य कांडों को अंजाम दिया गया था. आत्मसमर्पण किए दोनों हार्डकोर नक्सलियों से अन्य नक्सली कांडों में संलिप्तता के संबंध में पूछताछ की जा रही है. दोनों नक्सली ने एक एसएलआर राइफल मैगजीन के साथ, 53 राउंड गोली और एक कट्टा के साथ आत्मसमर्पण किया है. उन्होंने बताया कि झारखंड राज्य में भी इनके विरुद्ध कांड दर्ज होने की संभावना है. इस संबंध में जानकारी के लिए झारखंड पुलिस से संपर्क किया जा रहा है.


आत्मसमर्पण कराने के लिए भी विशेष अभियान चलाया जा रहा है


पुलिस अधीक्षक ने बताया कि औरंगाबाद पुलिस और यहां प्रतिनियुक्त केंद्रीय सुरक्षाबलों की ओर से अंतरराज्यीय हार्डकोर नक्सलियों को आत्मसमर्पण कराने के लिए भी विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान से नक्सली गतिविधियों पर नियंत्रण पाने में काफी हद तक मदद मिलेगी.


दोनों को मिलेंगे ढाई-ढाई लाख रुपए 


अपर पुलिस अधीक्षक अभियान मुकेश कुमार ने बताया कि सरकार की आत्म समर्पण नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले दोनों माओवादियों को ढाई-ढाई लाख रुपए मिलेंगे. ये रुपये गोरा और विधि विरुद्ध किशोर के बैंक खाते में एफडी के रूप में जमा होगा. इसका प्रयोग वे तीन साल बाद कर सकेंगे. इसके अलावा यदि ये दोनों किसी स्वरोजगार योजना के तहत प्रशिक्षण लेते हैं, तो उन्हें 10 हजार रुपए स्टाइपेंड के रूप में मिलेंगे.


हार्डकोर नक्सली का अपराधिक इतिहास


गोरा के विरुद्ध मदनपुर थाना में सात कांड दर्ज है, इसके अलावा देव में तीन, ढिबरा में एक जबकि अंबा में एक कांड दर्ज है. इसके साथ ही विधि विरुद्ध किशोर का तीन कांड मदनपुर थाने में दर्ज है. हार्डकोर नक्सली गोरा ने बताया कि वह नक्सल गतिविधियों से प्रभावित होकर प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी के संपर्क में आया था तब उसकी उम्र करीब 10 साल की रही होगी लेकिन समय के साथ उसने सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत अपर पुलिस अधीक्षक अभियान मुकेश कुमार की बातों से प्रेरित होकर उसने आत्मसमर्पण किया है.


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