पटना: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) अंतरिक्ष यान को उसकी कक्षा में आगे बढ़ाने की प्रथम कवायद शनिवार को सफलतापूर्वक पूरी की. अंतरिक्ष एजेंसी ने यह जानकारी दी. इसरो ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि अंतरिक्ष यान की हालत सामान्य है. वहीं, इस बड़ी उपलब्धि में बिहार के दो युवाओं वैज्ञानिकों का भी योगदान है. समस्तीपुर के रहने वाले अमिताभ और सीतमाढ़ी के रहने वाले रवि कुमार चंद्रयान-3 मिशन के हिस्सा रहे. वहीं, इस उपलब्धि पर भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने ट्वीट कर बधाई दी है.
अमिताभ एएन कॉलेज के विधार्थी रहे हैं
मंत्री अशोक चौधरी ने ट्वीट कर लिखा कि 'जय बिहार, देते ना दशमलव आर्यभट्ट तो यूं चांद पर जाना मुश्किल था, बिहार के इन बेटों के बगैर चांद तक चंद्रयान का पहुंच पाना मुश्किल था'. बता दें कि समस्तीपुर के कुबौली गांव के रहने वाले अमिताभ एएन कॉलेज के विधार्थी रहे हैं. साल 2002 से वह इसरो के साथ काम कर रहे हैं. चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग में डिप्टी डॉयरेक्टर और ऑपरेशन डॉयरेक्टर के रूप में शामिल रहे.
रवि नवोदय विद्यालय के रहे हैं छात्र
वहीं, सीतमढ़ी जिले के पुपरी गांव के रहने वाले रवि कुमार की प्रारंभिक शिक्षा सीतमढ़ी से हुई है, वे जवाहर नवोदय विद्यालय सीतमढ़ी के छात्र रहे हैं. चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग में रवि नेटवर्क सिक्यूरिटी हैंडल कर रहे थे. इससे पहले वे चंद्रयान 2 के प्रक्षेपण में भी शामिल रहे थे. बता दें कि इसरो ने 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपने चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम के तीसरे संस्करण का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया. चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा, जिसका अब तक अन्वेषण नहीं किया गया है. केवल तीन देश, अमेरिका, चीन और रूस ही अब तक चंद्रमा की सतह पर उतरने में सफल रहे हैं.
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