मुजफ्फरपुर: तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन (MK Stalin) और उनके बेटे सह राज्य सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) के खिलाफ सोमवार (4 सितंबर) को मुजफ्फरपुर कोर्ट (Muzaffarpur Court) में परिवाद दायर कराया गया है. अधिवक्ता सुधीर ओझा ने हिंदू धर्म के खिलाफ में की गई टिप्पणी को लेकर यह परिवाद दायर कराया है. मंत्री उदयनिधि की ओर से मंच से हिंदू धर्म को डेंगू और मलेरिया बताकर करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की बात कही गई है.


कब होगी इस परिवाद पर सुनवाई?


अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने बताया कि हिंदू धर्म को गलत बताकर दूसरे धर्म के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से मंत्री उदयनिधि द्वारा बयान दिया गया है. देश के करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने के उद्देश्य से बयान दिया गया है. इसमें आईपीसी की धारा 500, 504, 295, 295(क), 298 और 120 (बी) के तहत परिवाद दायर कराया गया है. परिवाद को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. कोर्ट की ओर से इस मामले में सुनवाई के लिए तिथि 14 सितंबर की तारीख दी गई है.


क्या बोले उदयनिधि स्टालिन?


समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, उदयनिधि ने कहा- "सनातन धर्म को खत्म करने के लिए आयोजित इस सम्मेलन में मुझे बोलने का मौका देने के लिए मैं आयोजकों को धन्यवाद देता हूं. मैं सम्मेलन को 'सनातन धर्म का विरोध' करने के बजाय 'सनातन धर्म का उन्मूलन' कहने के लिए आयोजकों को बधाई देता हूं. कुछ चीजें हैं, जिन्हें हमें खत्म करना है और हम सिर्फ विरोध नहीं कर सकते. मच्छर, डेंगू, कोरोना और मलेरिया ऐसी चीजें हैं, जिनका हम विरोध नहीं कर सकते. हमें उन्हें खत्म करना है. सनातनम भी ऐसा ही है. सनातनम का विरोध नहीं, बल्कि उन्मूलन करना हमारा पहला काम है."


कहां दिया गया था बयान?


बता दें कि तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स एसोसिएशन ने शनिवार (2 अगस्त) को चेन्नई में एक सम्मेलन आयोजित किया था, जिसका नाम रखा गया था- सनातनम (सनातन धर्म) उन्मूलन सम्मेलन. इस सम्मेलन को उदयनिधि स्टालिन ने भी संबोधित किया था. यहां बयान देने के बाद अब विवाद शुरू हो गया है.


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