Ukraine Russia Conflicts: हंगरी बॉर्डर पर पहुंचे गोपालगंज के 18 छात्र, पीड़ितों का दर्द सुन भावुक हो उठेंगे, लगाया गंभीर आरोप
गोपालगंज के मेडिकल स्टूडेंट रिजवान ने हंगरी बॉर्डर से वीडियो भेज कर कहा कि वहां भारतीय दूतावास का कोई अधिकारी नहीं है. माइनस दो डिग्री तापमान है और सभी छात्र सड़क पर हैं.

गोपालगंजः रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में गोपालगंज के मेडिकल छात्र भी फंसे हैं. कुछ ने अपने आप को घरों के अंदर कैद कर लिया है तो कुछ हॉस्टल की बेसमेंट में दिन-रात गुजार रहे हैं. इनमें गोपालगंज के 18 छात्र इंडियन एंबेसी की सूचना पर हंगरी बॉर्डर पहुंच चुके हैं. छात्रों के मुताबिक यहां पर फ्लाइट की व्यवस्था है, लेकिन लगातार हो रही बमबारी के बीच 700 किलोमीटर का सड़क मार्ग का सफर भारतीय समय के अनुसार शनिवार की सुबह 7:00 बजे सभी 18 छात्र हंगरी बॉर्डर पर पहुंच चुके हैं.
माइनस दो डिग्री तापमान और सड़क पर हैं छात्र
मेडिकल के छात्रों के द्वारा भेजे गए वीडियो में दिखाया जा रहा कि हंगरी बॉर्डर पर किस तरह से वाहनों की लंबी कतार लगी हुई है. हंगरी बॉर्डर पर कड़ी निगरानी है और चेकिंग भी है. लिहाजा भारतीय मूल के छात्रों को एंट्री नहीं मिल पा रही है. मेडिकल स्टूडेंट रिजवान ने हंगरी बॉर्डर से वीडियो भेज कर कहा कि वहां भारतीय दूतावास का कोई अधिकारी नहीं है. माइनस दो डिग्री तापमान है और सभी छात्र सड़कों पर खड़े हैं.
बॉर्डर पर सिक्योरिटी की ओर से नहीं मिली एंट्री
छात्रों ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि 700 किलोमीटर का सफर तय कर हंगरी बॉर्डर पर पहुंच चुके हैं, लेकिन अब यहां से एंट्री नहीं मिल पा रही है. छात्रों का कहना है कि बॉर्डर पर जो सिक्योरिटी है वह एंट्री नहीं करने दे रही है छात्रों ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है, ताकि हंगरी में इन छात्रों को एंट्री मिल सके और वहां से एयरलिफ्ट कर वतन वापस लाया जाए.
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