JDU Stand on Unified Pension Scheme: महाराष्ट्र यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है. ऐसे में सवाल है कि क्या इसे बिहार में भी लागू किया जाएगा? इस पर सीएम नीतीश कुमार की पार्टी का क्या स्टैंड है? सोमवार (26 अगस्त) को इस पर जेडीयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर (Devesh Chandra Thakur) ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि अगर बिहार में पेंशनधारी चाहते हैं कि बिहार में भी यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू हो तो इसको लागू होना चाहिए. तब बिहार सरकार को इस पर विचार करना चाहिए.
'हर व्यक्ति हर चीज से संतुष्ट नहीं रहता'
जेडीयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम बहुत अच्छा है. इस तरह के स्कीम की मांग पेंशनधारियों की ओर से लंबे वर्ष से की जा रही थी. केंद्र सरकार के इस फैसले से पेंशन पाने वाले एवं सरकारी कर्मचारियों में काफी खुशी है. इस सवाल पर कि कुछ कर्मचारी संगठन इसका विरोध कर रहे. इस पर उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति हर चीज से संतुष्ट नहीं रहता है, लेकिन ज्यादातर लोग इस स्कीम के पक्ष में हैं. विपक्षी दलों का यह कहना कि उनके दबाव में इसको लाया गया. इसके जवाब में कहा कि मैं इससे सहमत नहीं हूं. जब यूपीए की सरकार थी तब क्यों नहीं लागू किया गया था?
क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम? (What is Unified Pension Scheme?)
बता दें कि महाराष्ट्र यूनिफाइड पेंशन स्कीम को लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है. केंद्र सरकार ने इस नई योजना की घोषणा शनिवार (24 अगस्त) को की जिसके तहत 2004 के बाद सेवा में शामिल हुए कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का लगभग 50 प्रतिशत पेंशन मिलेगी.
यूपीएस के लिए कर्मचारियों का अंशदान, राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के मौजूदा 10 प्रतिशत के बराबर रहेगा, जबकि सरकार अपने अंशदान को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 18.5 प्रतिशत करेगी. इस योजना में पारिवारिक पेंशन, गारंटीकृत न्यूनतम पेंशन, और सेवानिवृत्ति के बाद एकमुश्त भुगतान जैसे प्रावधान भी शामिल हैं.
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