समस्तीपुर: देश में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) को लेकर तरह-तरह की बहस हो रही है. सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं. इस बीच प्रशांत किशोर ने मंगलवार (4 जुलाई) को समस्तीपुर में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बड़ा बयान दिया. प्रशांत किशोर ने कहा कि बीजेपी के घोषणा पत्र में राम मंदिर, धारा 370 और यूनिफॉर्म सिविल कोड ये आज से नहीं पिछले 20 से 25 सालों से हैं.
पीके ने कहा कि बीजेपी ने दो को लागू कर दिया है. स्वाभाविक तौर पर उनकी बहुमत है और देश में उनकी बड़ी ताकत भी है इसलिए तीसरे मुद्दे को भी उठाएंगे. अगर उनकी अगली सरकार चुनकर आ जाती है और लोगों ने उसी पक्ष में मैंडेट दिया तो उनके घोषणा पत्र में जो है उसे लागू करेंगे ही करेंगे. जब तक उनको जनता ने आशीर्वाद नहीं दिया था तब तक ये मुद्दा उनके घोषणा पत्र में था, लागू नहीं हुआ था. अब जनता जो वोट करके उन्हें सरकार में ला रही है, तो स्वाभाविक है कि लागू करने का प्रयास करेंगे.
इतना आसान है नहीं जितना लग रहा: पीके
यूसीसी को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि संघ के बड़े नेताओं यानी संस्थापक सदस्यों में से एक रहे नेताओं का बयान या इंटरव्यू देख लीजिए, हकीकत सामने आ जाएगी. यूसीसी को लागू करना इतना आसान नहीं है. देश की जो विविधता है उसको देखते हुए इसे लागू करना इतना आसान नहीं है जितना यह लग रहा है.
पीके ने कहा कि धारा-370 ये कश्मीर से जुड़ा हुआ मामला था. भारत के एक भू-भाग को प्रभावित करता था. हालांकि, मानसिक तौर पर भले ही वो पूरे देश से जुड़ा मामला हो, लेकिन सीधे तौर पर जो लोग उससे प्रभावित हुए वो एक राज्य के लोग थे. राम मंदिर बना, उससे भी पूरे देश की जनता प्रभावित नहीं होती है. जो उसकी भावना से जुड़ा है, उसके पक्ष और विपक्ष में थे, वही लोग प्रभावित हुए.
'अगर यूसीसी लागू हुआ तो...'
आगे यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि यह मुद्दा वो है जो सीधे तौर पर पूरे देश की जनता को प्रभावित करता है. ये लागू करना ज्यादा कठिन है. यूसीसी अगर देश में लागू होता है तो इसके परिणाम या दुष्परिणाम भी उतने ही बड़े हो सकते हैं.
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