पटना: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि बिहार में आरटीपीसीआर से कोरोना की जांच की क्षमता को ढाई से तीन गुना बढ़ाया जाएगा. इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने बुधवार को कहा, "दूसरे चरण में 6 जिलों में आरटीपीसीआर लैब लगाया जाएगा, साथ ही पटना एम्स और नालंदा के पावापुरी स्थित वर्धमान इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में एक-एक आरएनए एक्सट्रैक्शन मशीन को भी इंस्टॉल किया जाएगा."


राज्य में कोरोना के जांच की गति को बढ़ाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार की एजेंसियों से सारी रिपोर्ट लेने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने एक प्रेस बयान जारी कर यह जानकारी दी. चौबे ने कहा कि देश सहित बिहार में तेजी से जांच की गति भी बढ़ी है. देश में प्रतिदिन 20 लाख से अधिक जांच हो रही हैं. बिहार में पहले फेज में एम्स सहित अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज, गया, दरभंगा मेडिकल कॉलेज, जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल, मधेपुरा, जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, भागलपुर, आईजीआईएमएस, पटना, पीएमसीएच, राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, पटना, श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल, मुजफ्फरपुर में आरटीपीसीआर की क्षमता अपग्रेड किया गया गया था.


सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं- चौबे


इसके अलावे पीएम केयर्स फंड से मोतिहारी, पूर्णिया एवं मुंगेर में आरटीपीसीआर लैब को मूर्त रूप दे दिया गया है. उन्होंने कहा, "अगले कुछ दिनों में बक्सर, कैमूर , गोपालगंज, बांका जिला अस्पताल, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज बेतिया, वर्धमान इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस पावापुरी, नालंदा में आरटी पीसीआर लैब की स्थापना की कवायद शुरू कर दी जाएगी."


अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि बिहार सरकार के निर्देश पर कोरोना के विरुद्ध जंग में सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जांच की गति को भी तेज किया गया है और लोगों को शीघ्र रिपोर्ट मिले इसके लिए भी राज्य और केंद्र ने व्यापक कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि इससे भविष्य में भी अन्य रोगों की जांच की जाएगी.


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