पटना: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने सोमवार (16 अक्टूबर) को एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि वोट के लिए नीतीश कुमार (Nitish Kumar) बिहार में तुष्टिकरण की सियासत कर रहे हैं. पहले हिंदू पर्व की छुट्टियों में कटौती की गई थी. अब दुर्गा पूजा की छुट्टियों में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को आवासीय ट्रेनिंग दी जा रही है. यह हिंदुओं पर प्रहार है. इसका खामियाजा नीतीश को भुगतना पड़ेगा. हिंदू धर्म के शिक्षक तो उपवास पर रहकर नवरात्रि में पूजा पाठ करते हैं.
गिरिराज सिंह ने कहा, "नीतीश को चुनौती देता हूं कि क्या उनमें मुस्लिम पर्व की छुट्टियों को रद्द करने की हिम्मत है? क्या मुसलमान शिक्षकों को फरमान जारी कर सकते हैं कि अपने पर्व के दौरान आवासीय ट्रेनिंग करें? सीएम नीतीश कुमार में इसकी हिम्मत नहीं हैं."
'जातीय गणना के जरिए हिंदुओं को बांटने की कोशिश'
बेगूसराय के सांसद ने कहा कि जातीय गणना के जरिए भी नीतीश ने हिंदुओं को बांटने की कोशिश की. दूसरी तरफ जातीय गणना के आंकड़ों में मुसलमानों को इकट्ठे 18 फीसद दिखाया गया. हिंदू एकता को खंडित करने की कोशिश हो रही है.
नीतीश कुमार की विश्वसनीयता नहीं बची: गिरिराज सिंह
आगे केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दुर्गा पूजा की छुट्टियों में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की आवासीय ट्रेनिंग के फैसले को बिहार सरकार तुरंत वापस ले. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जिनकी कोई विश्वसनीयता नहीं बची उनकी पार्टी पीएम मोदी को जाति का सर्टिफिकेट देने वाले कौन होती है? पीएम मोदी की जाति पर सवाल उठाकर नीतीश की पार्टी ने तेली समाज का अपमान किया है. तेली समाज माफ नहीं करेगा. पीएम मोदी तो कभी जाति देखकर काम ही नहीं करते हैं. घर-घर शौचालय, घर-घर बिजली, घर-घर सिलेंडर, मुफ्त अनाज सभी धर्मों के लोगों को दिया. पीएम मोदी तो गरीबों के मसीहा हैं.
बता दें कि पिछले दिनों जेडीयू ने पीएम मोदी की जाति पर सवाल उठाया था. जेडीयू का कहना है कि प्रधानमंत्री जिस जाति में पैदा हुए हैं उस जाति का नाम मोध घांची है जो सवर्ण जाति है. यह लोग आर्थिक और शैक्षणिक रूप से बहुत मजबूत हैं फिर वर्ष 2002 में नरेंद्र मोदी ने मोध घांची समुदाय को किस आधार पर ओबीसी में शामिल किया था? केंद्र सरकार इसी डर से जातीय आधारित गणना कराने में अनिच्छुक है कि पीएम मोदी की ओबीसी स्थिति के बारे में झूठ उजागर हो जाएगा.