पटना: केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने वित्तवर्ष 2021-22 के लिए पेश केंद्रीय बजट पर प्रकाश डालते हुए शनिवार को कहा कि इसमें भारत को स्वस्थ, स्वच्छ, सुरक्षित बनाने पर जोर दिया गया है और सरकार को समग्र विकास के लिए खर्च करने की छूट दी गई है. देश के विभिन्न हिस्सों में केंद्रीय मंत्रियों द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करके केंद्रीय बजट की मुख्य विशेषताओं को बताने की सरकार की योजना के तहत प्रसाद को अपने गृह राज्य में बजट की विशेषताओं को बताने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.


इसी के तहत पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रसाद ने केंद्रीय बजट को कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों, कठिनाइयों और अवसरों की पृष्ठभूमि में प्रस्तुत किया गया ऐतिहासिक बजट करार देते हुए कहा कि बजट को कोविड-19 महामारी और 'आत्मनिर्भर भारत' योजना के लिए 27 लाख करोड़ रुपये की घोषणा के संदर्भ में देखा जाना चाहिए. केंद्रीय कानून और न्याय, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री प्रसाद ने कहा कि बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार, सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता प्रदान करने, प्रभावित जिलों में कुपोषण के समाधान पर ध्यान केंद्रित किया गया है.


प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य बजट के आवंटन में 137 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि की है, जो कि पूर्व के करीब 94,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 2.38 लाख करोड़ रुपये हो गई है, इसमें आत्मनिर्भर भारत योजना के लिए 64,180 करोड़ रुपये शामिल हैं जो गहन चिकित्सा के लिए अस्पताल और आपातकालीन स्वास्थ्य समस्या समाधान केंद्र खोलने में मदद करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार ने कोविड-19 टीकाकरण के लिए 35,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में कहा है कि सरकार आवश्यक होने पर और भी निधि देगी.


जल जीवन मिशन को सबसे बड़ा आवंटन- प्रसाद


प्रसाद ने कहा कि सरकार ने जल जीवन मिशन को 2.87 लाख करोड़ रुपये का सबसे बड़ा आवंटन किया है जिसके तहत 4,378 शहरी स्थानीय निकायों के 2.86 करोड़ परिवारों को पाइप लाइन के जरिए पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि शहरी भारत को स्वच्छ बनाने के लिए स्वच्छ भारत योजना के लिए बजट में 1,41,678 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.


केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार किसानों के विकास और उनकी आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है, और बजट में कृषि ऋण के रूप में 16.05 लाख करोड़ रुपये के वितरण की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा 1000 ई-नाम (नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट) तक पहुंच रखने वाले किसानों को अब 1000 ई-मंडी मिलेंगी, वर्तमान में 1.5 करोड़ किसान 1000 ई-नाम से जुड़े हैं.


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