UP Election News: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बड़े-बड़े नेता चुनावी प्रचार के दौरान उत्तर प्रदेश में आकर रामराज्य की चर्चा कर रहे हैं, लेकिन उन्हें नहीं पता कि पौराणिक अर्थों में भी निषादों की चर्चा के बिना रामराज्य की बात अधूरी है. आज बीजेपी के नेता निषादराज की चर्चा करने से बच रहे हैं. यह बातें विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के मंत्री मुकेश सहनी ने कहीं. वे बुधवार को यूपी में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे.


मुकेश सहनी औराई विधानसभा में अपनी पार्टी की प्रत्याशी बबीता बेलदार और केराकत विधानसभा में प्रत्याशी पप्पू भारती के समर्थन में सभा करने गए थे. मुकेश सहनी ने कहा कि अंग्रेजों ने भी मल्लाहों को अपराधी बताकर प्रताड़ित किया. आजादी के बाद भी ये सामाजिक, राजनीति और आर्थिक विकास में उस गति से आगे नहीं बढ़ पाए जिस गति से अन्य जातियां बढ़ीं.


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"आज कई राज्यों में इनके विकास के लिए कदम उठाए गए, लेकिन बिहार और यूपी में आज भी ये हाशिये पर हैं. नीतीश सरकार में हमारी पार्टी शामिल है. बिहार सरकार ने मल्लाह जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने का केंद्र को प्रस्ताव भेजा हैं, लेकिन वह कुंडली मारकर बैठी है."


मैं कुर्सी छोड़ने के लिए तैयार: मुकेश सहनी


मुकेश सहनी ने दोनों विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब त्रेता युग के रामराज्य में भगवान राम को मदद करने में निषादों की भूमिका सराही गई थी तो आज बीजेपी को सत्तारूढ़ करने की मदद करने के बाद उन्हें हाशिये में क्यों छोड़ दिया गया? सहनी ने कहा कि निषाद समाज की आस्था मेरे में है और उन लोगों ने ही मुझे सत्ता में पहुंचाया है. जिस दिन निषाद समाज को लगेगा कि मैं उनके लिए काम नहीं कर रहा हूं उसी दिन मैं अपनी कुर्सी छोड़ने को तैयार हूं.


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