Upendra Kushwaha: मांझी के बाद अब कुशवाहा ने की अमित शाह से मुलाकात, मच गई बिहार के सियासी गलियारों में हलचल
Upendra Kushwaha Meet Amit Shah: उपेंद्र कुशवाहा इन दिनों बीजेपी को लेकर काफी नरम हैं. वहीं, अमित शाह से उपेंद्र कुशवाहा की मुलाकात के बाद बिहार की राजनीति गरमा गई है.
पटना: जेडीयू से अलग होने का बाद राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) लगातार नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर हमलावार हैं और बीजेपी पर नरम हैं. वहीं, उपेंद्र कुशवाहा ने आज गृह मंत्रालय में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की. इस दौरान बीजेपी (BJP) के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) भी मौजूद रहे. इस मुलाकात के बाद बिहार की राजनीतिक गलियारों में हलचल शुरू हो गई है. इस मुलाकात को लेकर बिहार की राजनीति में कई मायने निकाले जा रहे हैं. इसे लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) से जोड़कर देखा जा रहा है.
क्या एनडीए में उपेंद्र कुशवाहा होंगे शामिल?
इस मुलाकात को लेकर बीजेपी नेता संजय जायसवाल ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा गृह मंत्री अमित शाह से मिलना चाहते थे. इसके लिए गृह मंत्री ने समय दिया था. यह मुलाकात एक शिष्टाचार मुलाकात थी. अच्छे वातावरण बातचीत हुई, इससे ज्यादा इसका कोई मतलब निकालना ठीक नहीं है. वहीं, एनडीए में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि आज बहुत अच्छी दोनों के बीच बातचीत हुई.
बिहार में महगठबंधन नाम की कोई चीज नहीं है- संजय जायसवाल
महगठबंधन के खिलाफ उपेंद्र कुशवाहा जरूरी हैं? इस पर बीजेपी नेता ने कहा कि बिहार में महगठबंधन नाम की कोई चीज नहीं है, यह केवल भ्रष्टाचारियों का एकत्रीकरण है, जिनको लगता है कि अगर सत्ता हाथ में आ गई तो जेल जाने से बच जाएंगे. भ्रष्टाचार छुप जाएगा. वहीं, नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति प्रतिदिन सुबह-सुबह जगकर प्रधानमंत्री की कुर्सी के लिए दिवास्वप्न देख रहे हैं लेकिन यह स्वप्न सिर्फ स्वप्न बनकर ही रह जाएगा.
कुछ दिन पहले मांझी ने की थी मुलाकात
बता दें कि जीतन राम मांझी 13 अप्रैल को दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मिले. मांझी के अलावा इस मुलाकात में पार्टी के दिल्ली अध्यक्ष रजनीश कुमार समेत चार अन्य नेता भी मौजूद रहे. अमित शाह से मिलने के बाद मांझी ने कहा कि श्रीकृष्ण सिंह और दशरथ मांझी को भारत रत्न देने की मांग के लिए यहां आए थे लेकिन मांझी के इस रुख से महागठबंधन के नेता परेशान हैं और सियासी गलियारों में अटकलों का दौर शुरू हो गया है.