पटना: राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने जाति आधारित गणना (Bihar Caste Survey Report) को लेकर सवाल खड़ा किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने गांधी जयंती पर जातीय सर्वे का डेटा सार्वजनिक किया है. सरकार ने जातीय आंकड़ा जारी किया है. इसको लेकर सरकार को बधाई देते हैं, लेकिन इस रिपोर्ट में कई खामिया है. हमको कई नेताओं ने जानकारी दी है कि हमसे और हमारे परिवार से किसी ने जात की जानकारी भी नहीं ली. बीपीएल (BPL) जैसी सूची में भी कई खामिया रही है. लोगों की आशंका में दम है. हमसे भी किसी ने इस जाति की गणना में किसी ने पूछा तक नहीं. सरकार हड़बड़ी में थी.
जाति आधारित गणना पर मुख्यमंत्री ने कही ये बात
वहीं, इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि सब कुछ करने के बाद नतीजा सामने आया है. उसके बाद हमने हर परिवार की आर्थिक स्थिति की जानकारी ली है. कल सर्वदलीय बैठक में हम सारी बातें सबके सामने रखेंगे. बैठक में सबकी राय लेकर सरकार सभी जरूरी कदम उठाएगी. बिहार में जो कर रहे हैं वो देश में हो.
राज्य की कुल जनसंख्या 13.07 करोड़ से कुछ अधिक है- रिपोर्ट
बता दें कि बिहार के विकास आयुक्त विवेक सिंह द्वारा जारी जाति आधारित गणना आंकड़ों के अनुसार, राज्य की कुल जनसंख्या 13.07 करोड़ से कुछ अधिक है, जिसमें से 36 प्रतिशत के साथ ईबीसी सबसे बड़ा सामाजिक वर्ग है. इसके बाद ओबीसी 27.13 प्रतिशत हैं. सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि ओबीसी समूह में शामिल यादव समुदाय प्रदेश की कुल आबादी का 14.27 प्रतिशत है. राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी इसी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. राज्य में जनसंख्या के मामले में यह समुदाय सबसे अधिक है.
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