पटना: डोमिसाइल नीति में बदलाव को लेकर नीतीश सरकार (Nitish Kumar) शिक्षक अभ्यर्थियों के निशाने पर आ गई है. शिक्षक अभ्यर्थी इसका लगातार विरोध कर रहे हैं. इस मुद्दे पर जमकर राजनीतिक बयानबाजी भी हो रही है. वहीं, आरएलजेडी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) इस नीति को लेकर बुधवार को नीतीश सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि सुशासन सरकार कि यही उपलब्धि है कि 18 सालों में अपने राज्य में स्कूल में पढ़ाने लायक पर्याप्त शिक्षक भी नहीं बना पाए.


सीएम नीतीश पर साधा निशाना


उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर लिखा कि 'याद कीजिए कि पहली बार सरकार में आने के बाद नीतीश कुमार ने शिक्षक भर्ती हेतु एससी वर्ग के अभ्यर्थियों की सभी पंचायतों में उपलब्धता नहीं होने के कारण पंचायत से बाहर प्रखंड भर के अभ्यर्थियों के आवेदक होने का अवसर देने का निर्णय लिया था. धूमधाम से राज करने वाली लालू सरकार की यही थी उपलब्धि कि 15 वर्षों में एससी वर्ग के विद्यार्थी सभी पंचायतों में इंटर तक भी नहीं पहुंच पाए.'



'को बड़ छोट कहत अपराधू'


उपेंद्र कुशवाहा ने आगे लिखा कि 'वर्तमान राज्य सरकार ने शिक्षक भर्ती के लिए राज्य से बाहर के विद्यार्थियों के लिए यह कहकर दरवाजा खोल दिया कि गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, संस्कृत, हिन्दी आदि विषयों में बिहार में शिक्षक बनने के योग्य विद्यार्थी नहीं हैं. घोर सुशासन वाली सरकार की यही है उपलब्धि कि 18 वर्षों में अपने राज्य में स्कूल में पढ़ाने लायक पर्याप्त शिक्षक भी नहीं बना पाए. इसे कहते हैं- को बड़ छोट कहत अपराधू'


बिहार के शिक्षक अभ्यर्थी कर रहे हैं विरोध


बता दें कि मंगलवार को कैबिनेट में 25 एजेंडों पर मुहर लगी. इसमें नई शिक्षक बहाली नियमावली में भी संशोधन किया गया. इससे यह साफ हो गया कि अब दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी भी बिहार में होने वाली शिक्षक बहाली में भाग ले सकेंगे. यह निर्णय आते ही अब विरोध हो रहा है.


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