आरा: उपेंद्र कुशवाहा लगातार नीतीश कुमार की पार्टी में सेंधमारी कर रहे. अब तक पार्टी से सैकड़ों कार्यकर्ता, नेता और सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है. इसके पहले पहले पूर्व सांसद मीना सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष समेत कई लोगों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. बुधवार को जेडीयू के किसान और सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव जागा कुशवाहा ने अपने साथ प्रदेश और जिला और प्रखंड स्तर के कुल 74 से ज्यादा नेताओं और कार्यकर्ताओं के इस्तीफा की घोषणा की. देखा जाए तो कुशवाहा नीतीश कुमार की हालत पस्त करने में लगे हैं. पार्टी से यूं ही इस्तीफे का दौर चलता रहा तो आगामी लोकसभा चुनाव के पहले ही बहुत कुछ फेरबदल देखने को मिल सकेगा.
‘बिहार में जंगल राज रिटर्न’
वहीं किसान एवं सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव जगा कुशवाहा ने कहा कि बिहार में अब जंगल राज रिटर्न हो गया है जिसकी वजह से हम सभी नेता जेडीयू में नहीं रहना चाहते. आरा शहर की ही बात कर लीजिए, महागठबंधन बनते ही सात दिनों में करीब 11 हत्याएं हुईं थी, लेकिन पुलिस प्रशासन मौन पड़ी हुई है, क्राइम बढ़ गया है. कुशवाहा समाज के नेता और अन्य समाज के नेताओं की भी हत्या हो रही है. हम सभी ने 20 साल तक संघर्ष किया, आज उन्हीं को सत्ता सौंपी जा रही है. जागा कुशवाहा ने बताया कि जिस प्रकार 2005 में जेडीयू बिहार में आई थी और इतने अच्छे अच्छे काम किए, उस प्रकार अब काम नहीं कर रही है. पार्टी में अब केवल स्वार्थ हित और चापलूसी रह गया है. हमारी पार्टी में कोई नहीं सुनता है.
जेडीयू में नहीं हैं कार्यकर्ता खुश
कहा कि अगर हम अपने प्रदेश के लिए या जिले के लिए कोई काम लेकर पार्टी के पास जाते तो वो हमें अनसुना कर देते हैं. ऐसे में पार्टी में रहने का कोई औचित्य ही नहीं है. जब महागठबंधन बनी तो युवाओं के लिए रोजगार की बात की गई थी, लेकिन आज गरीब गुरबे, पिछड़ों और जो अधिकार है उनसे सभी वंचित हैं. इन सभी कारणों से हम लोग जिसमें किसान और सहकारिता प्रकोष्ठ के भोजपुर जिला कमेटी, प्रदेश पदाधिकारी के सक्रिय सदस्य और प्राथमिक सदस्य शामिल हैं जेडीयू से इस्तीफा दे रहे. बहुत जल्द बैठक करेंगे और तय करेंगे कि किस पार्टी के साथ जुड़ा जाए.
कुशवाहा का थाम सकते दामन
प्रदेश महासचिव ने कहा कि जिस प्रकार बिहार की जनता ने मुख्यमंत्री पर विश्वास जताया था और 2005 में बिहार की सत्ता सौंपी थी, उस समय नीतीश कुमार ने अच्छे काम किए, लेकिन कुछ ही सालों में अपने मुद्दों और उद्देश्यों से भटक गई. बता दें कि यह सभी कार्यकर्ता जल्द ही आरएलजेडी में शामिल हो सकते हैं. पिछले साल उपेंद्र कुशवाहा के साथ ही सभी कार्यकर्ताओं ने एक साथ जनता दल यूनाइटेड का हाथ थामा था, लेकिन उपेंद्र कुशवाहा के इस्तीफे के बाद से ही सभी नेताओं ने भी इस्तीफा दे दिया है.
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