उपेंद्र कुशवाहा का बड़ा बयान, JDU नीतीश की पार्टी नहीं, शरद यादव को धकिया कर हथिया लिया, ललन सिंह को लेकर खोला राज
JDU Political Crisis: उपेंद्र कुशवाहा ने एबीपी न्यूज़ को बयान दिया है. मंगलवार को बातचीत में कुशवाहा ने यह भी कहा है कि वह खुद को आज ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.
पटना: जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) एक के बाद एक हमला बोल रहे हैं. मंगलवार को एबीपी न्यूज़ से बातचीत में एक तरफ जहां उन्होंने सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर निशाना साधा तो वहीं दूसरी ओर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (JDU Lalan Singh) को लेकर भी एक राज खोला. उपेंद्र कुशवाहा ने तो यहां तक कह दिया कि वो खुद को आज ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. कुशवाहा ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि जेडीयू नीतीश कुमार की पार्टी नहीं है. शरद यादव को धकिया कर पार्टी को हथिया लिया गया है.
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पर कुशवाहा ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि कागज में जेडीयू ललन सिंह की पार्टी जिसे किसी को सौंपने की तैयारी है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि उन्होंने तो यह बात कह दी थी कि संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद का कोई मतलब नहीं है. झुनझुना है. ललन सिंह ने यह बात कहकर कि सिर्फ एमएलसी हैं उन्होंने इसे साबित कर दिया है. यह सब कोई देख रहा है कि मेरे साथ धोखा हुआ है या क्या है. सभी कार्यकर्ता ठगे गए हैं.
आरोप लगने से कुछ नहीं होता
एक सवाल पर कि नीतीश कुमार ने कहा है कि उपेंद्र कुशवाहा दिल्ली में छपने लगे हैं. इस पर कुशवाहा ने कहा कि परिवार का कोई सदस्य अगर देश के स्तर पर ख्याति प्राप्त कर रहा हो तो इसमें ईर्ष्या होने लगे, यह तो घोर आश्चर्य का विषय है. उपेंद्र कुशवाहा अगर दिल्ली या अंतरराष्ट्रीय मीडिया में आए तो यह बात तो नीतीश कुमार को ज्यादा अच्छा लगनी चाहिए थी. उनके मन में क्या है इसका पता नहीं. जहां तक उनका इशारा है कि उपेंद्र कुशवाहा किसी के संपर्क में है तो यह आरोप तो किसी पर कहीं भी लग सकता है. आरोप लगने भर से कोई सच मानने लगे तो फिर तो उन्हीं पर लग रहा है कि वो बीजेपी के संपर्क में हैं.
नीतीश कुमार देखें अपना इतिहास
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि लोग आज कल यह भी कह रहे हैं कि इस बार के विधानसभा सत्र के बाद नीतीश कुमार की दोस्ती बीजेपी के साथ होने वाली है. मुख्यमंत्री के इस बयान पर कि कुशवाहा कई बार आए और पार्टी से भाग गए, इस पर कहा कि नीतीश कुमार को अपना इतिहास देखना चाहिए. जिस पार्टी को आज वह खुद का बता रहे हैं यह उनकी है क्या? समता पार्टी बनी थी. जॉर्ज साहब ने आशीर्वाद के रूप में नीतीश कुमार को यह पार्टी सौंपी थी. जेडीयू शरद यादव की पार्टी है. उन्हीं को धकिया के हटा दिया गया. आज इस पार्टी को कह रहे हैं कि उनकी पार्टी है.
पार्टी किसकी है? इस पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि कागजी रूप से ललन सिंह इस पार्टी के मालिक हैं. तैयारी है पूरी कि इस पार्टी को सौंप दें कहीं. सौंपने की बात कागजी रूप से कहीं जा सकती है लेकिन ओरिजिनल रूप में करोड़ों लोगों के दिल में यह पार्टी और यहां से छीन कर नहीं ले जा सकते हैं.
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