Bihar Politics: जेडीयू की 'लंका' लगाने में जुटे RLJD अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा! कहा- नीतीश कुमार 'जनाजा दल' के नेता
Virasat Bachao Naman Yatra: मंगलवार को उपेंद्र कुशवाहा ने 'विरासत बचाओ नमन यात्रा' समाप्त की. अरवल में मीडिया से बातचीत में वे जेडीयू और सीएम नीतीश पर बरसे.
पटना: जेडीयू से अलग होने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी पार्टी बनाई थी और उसके बाद वे यात्रा पर निकल गए थे. मंगलवार (21 मार्च) को उनकी 'विरासत बचाओ नमन यात्रा' समाप्त हो गई. अरवल जिले के कुर्या में शहीद जगदेव प्रसाद के स्मारक पर विरासत के संकल्प के साथ उन्होंने यात्रा समाप्त की. राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत के क्रम में जेडीयू और नीतीश कुमार पर खूब बरसे.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि पार्टी के गठन के बाद 'विरासत बचाओ नमन यात्रा' में वह निकले थे. दो चरणों में यात्रा पूरी हुई. नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कुशवाहा ने कहा कि जनता दल अब महज जनाजा दल बन के रह गया है. जेडीयू में अब कुछ नहीं बचा है. जेडीयू नेताओं की वजह से ही अब जनता दल अब जनाजा दल में बदल गया है क्योंकि बिहार के लोग आगे बढ़ना चाहते हैं, पीछे नहीं लौटना चाहते हैं.
यात्रा में मिला लोगों का साथ: कुशवाहा
अपनी यात्रा पर के बारे में जिक्र करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इतना व्यापक जनसमर्थन मिलेगा इसकी उन्हें उम्मीद नहीं थी. लोगों ने जिस तरह का समर्थन दिया उसकी अपेक्षा उन्होंने नहीं की थी. कुशवाहा ने कहा कि यात्रा में उम्मीद से ज्यादा लोगों का साथ मिला.
उपेंद्र कुशवाहा ने आगे कहा- "नीतीश कुमार अक्सर यह कहते हैं कि गड़बड़ करने वाले लोग नहीं सुधरेंगे, वह गड़बड़ करते ही रहेंगे. मुझे लगता है कि गड़बड़ करने वाले वैसे ही लोग अब जेडीयू में बचे रह गए हैं. क्योंकि हम जहां गए वहां जिला का जिला खाली हो गया. जेडीयू छोड़ कर बड़ी तादाद में प्रदेश, जिला और प्रखंड स्तर के नेताओं ने रालोजद की सदस्यता ली. जेडीयू का सिर्फ साइनबोर्ड बचा है, बाकी सब कुछ खाली हो गया है. नीतीश कुमार द्वारा बिहार को 2005 वाले हाथों में सौंपने के फैसले की वजह से हुआ है."
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब फरमान जारी कर दिया था कि आरजेडी के हाथों में हम बिहार को सौंपेंगे तो बिहार के लोगों में दहशत का माहौल पनपा था. वैसे लोगों ने हमें समर्थन दिया और हमारे फैसले का स्वागत किया.
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